पीएम किसान योजना में 32.91 लाख लोगों ने फर्जीवाड़ा कर उठाई रकम, अब सरकार करने जा रही बड़ी कार्रवाई

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RGA  न्यूज़

32.91 लाख अयोग्य लोगों ने फर्जीवाड़ा करके पीएम किसान योजना का लाभ उठाया है।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को संसद में कहा कि अयोग्य लोग भी प्रधानमंत्री किसान योजना का लाभ उठा रहे हैं। योजना के तहत 32.91 लाख अयोग्य लाभार्थियों के खाते में 2326 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए जा चुके हैं।

नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को संसद में कहा कि अयोग्य लोग भी प्रधानमंत्री किसान योजना का लाभ उठा रहे हैं। योजना के तहत 32.91 लाख अयोग्य लाभार्थियों के खाते में 2,326 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए जा चुके हैं। आयकर देने वाले कुछ किसान भी योजना का लाभ उठा रहे हैं। राज्य सरकारें ऐसे लोगों का पता लगाकर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर रही हैं।

अयोग्य किसानों को दिए 2,326.88 करोड़

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत केंद्र सरकार किसानों की मदद करती है। इसके अंतर्गत योग्य किसानों के बैंक खातों में छह हजार रुपये तीन बराबर किस्तों में हस्तांतरित किए जाते हैं। तोमर ने राज्यसभा को लिखित जवाब में बताया कि विभिन्न अधिकारियों द्वारा सत्यापन कर इसकी खामियों को दूर किया जाता है। हालांकि, सत्यापन प्रक्रिया के दौरान पता चला कि 32,91,152 अयोग्य लाभार्थियों के खाते में 2,326.88 करोड़ रुपये हस्तांतरित कर दिए गए।

अयोग्य किसानों का किया सत्‍यापन

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि राज्यों से कुछ ऐसे उदाहरणों की सूचना मिली है, जिसके अनुसार ब्लॉक/जिला स्तर के अधिकारियों की साख का दुरुपयोग अयोग्य किसानों के सत्यापन के लिए किया गया। राज्यवार आंकड़े देते हुए तोमर ने कहा कि राज्य सरकारें अयोग्य लाभार्थियों का पता लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं। तमिलनाडु सरकार ने बताया है कि छह लाख लोगों को इसके तहत अयोग्य पाया गया है। उनसे 158.57 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है।

पीएमबीजेके से दवाओं की बिक्री बढ़ी

सरकार ने संसद को बताया कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों (पीएमबीजेके) से मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में दवाओं की बिक्री 60 फीसद बढ़ी है। राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में उर्वरक और रसायन मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में इस योजना के तहत 29 जनवरी तक 519.34 करोड़ रुपये का कारोबार किया गया, जबकि पूरे साल में ही 500 करोड़ की दवाएं बेचने का लक्ष्य रखा गया था। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान इन केंद्रों से दवाओं की बिक्री में बढ़ोतरी देखी गई।

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