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आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदवारी जिले में तेलुगू देशम पार्टी के एक विधायक ने मजदूरों का डर भगाने के लिए ऐसा काम किया जिसके बारे में किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। दरअसल, टीडीपी विधायक निम्माला रामा नायडू ने श्मशान के नवीनीकरण में लगे श्रमिकों का डर खत्म करने के लिए रात को वहीं खटिया डाली और सो गए। नायडू पूरी रात शमशान घाट में ही सोए और सुबह उठकर घर गए।
सूत्रों की मानें तो विधायक ने ये कदम इसलिए उठाया क्योंकि वो वहां मौजूद मजदूरों के बीच डर खत्म करना चाहते थे। मीडिया से बात करते हुए विधायक ने कहा कि मैं दो तीन दिन और यहीं सोना वाला हूं मैं ऐसा इसलिए कर रहा हूं क्योंकि मजदूर श्मशान घाट में काम करने से डर रहे हैं। मेरे ऐसा करने से मजदूरों को हिम्मत मिलेगी। जो कि श्मशान घाट आने से भी डर रहे हैं। विधायक के मुताबिक, शहर में श्मशान दशकों तक उपक्षेत रहा है।
उन्होंने कहा कि श्मशान में उचित सुविधाएं नहीं हैं। बारिश के दौरान पूरे श्मशान में पानी भर जाता है, उस वक्त वहां एक कदम भी कोई ढंग से नहीं रख सकता। अंतिम संस्कार के बाद लोगों के नहाने के लिए भी कोई सुविधा नहीं है। इतना ही नहीं श्मशान के बगल में एक कूड़ाघर है जिसमें से हमेशा बदबू आती रहती है। खबरों की मानें तो लोगों की शिकायत के बाद विधायक को तीन करोड़ रुपए की राशि दी गई थी कोई का नवीनिकरण करवाने के लिए, लेकिन मजदूर श्मशान में काम करने से डर रहे हैं।
विधायक का कहना है, हम इस जगह को अच्छी करना चाहते थे। हम यहां बाथरूम, बागीचा, डेड बॉडी के लिए नए प्लेटफॉर्म बनवाना चाहते थे। लेकिन बदकिस्मती से शमशान घाट में कोई काम करने को तैयार ही नहीं हुआ, हम इसके लिए दो बार टेंडर भी निकल चुके हैं लेकिन कोई राजी नहीं होता था।
आखिरकार नायडू को एक कॉन्ट्रेक्टर मिला जो यहां काम करने के लिए तैयार हुआ लेकिन मजदूर शमशान में काम करन से डर रहे थे इसी वजह से नायडू को ये कदम उठाना पड़ा। नायडू के मुताबिक कुछ दिन पहले एक मजदूर ने जला हुआ शव यहां देख लिया था उसके बाद से ही मजदूर काम करने से डरने लगे। जब विधायक से पूछा गया कि क्या उन्हें यहां सोने में कोई दिक्कत हुई तो उन्होंने बताया 'यहां बहुत मच्छर हैं, और मुझे कूड़ाघर की बदबू को बहुत बर्दाश्त करना पड़ा। मैं रात में यहां मच्छरदानी लगाकार सोया था।