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RGA न्यूज़
आपकी आय पांच लाख रुपये तक है तो आपको 1,000 रुपये का ही शुल्क देना होगा
उन्होंने आगे कहा कि आयकर प्राधिकरण के पास ऐसे चूक पर करदाता के खिलाफ आईटी अधिनियम के अभियोजन पक्ष को 276CC के तहत कार्यवाही का अधिकार है। इसमें 3 महीने से कम अवधि के लिए कठोर कारावास की सजा या हो सकती ह
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के चलते वित्त वर्ष 2019-20 का संशोधित या विलंबित आईटीआर भरने की मियाद बढ़ा दी गई थी। अगर आपने अब तक वित्त वर्ष 2019-20 का संशोधित या विलंबित इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरा है, तो इसे भरने की समयसीमा 31 मार्च, 2021 को समाप्त हो जाएगी। विलंबित इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने पर आपको 10,000 रुपये तक का विलंब शुल्क देना पड़ सकता है। अगर आपकी आय पांच लाख रुपये तक है तो आपको 1,000 रुपये का ही शुल्क देना होगा।
टैक्स और निवेश विशेषज्ञ बलवंत जैन ने कहा, 31 मार्च, 2021 तक आईटीआर नहीं भरने की स्थिति में इस तरह के रिटर्न को वर्जित माना जाएगा और करदाता उक्त मूल्यांकन वर्ष के लिए कर रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे।
जैन ने कहा कि अगर आपने तय समय तक आयकर दाखिल नहीं किया है तो आयकर विभाग आपको भविष्य में एक नोटिस भेज सकता है, अगर उसे मालूम होता है कि आपके पास कर योग्य आय है। ऐसे मामलों में, आपको विलंबित अवधि के लिए ब्याज के साथ प्रति माह 1 फीसद प्रति माह के रूप में देय कर राशि का 50-200% का भुगतान करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि अगर किसी करदाता के पास कर योग्य आय है, लेकिन वह आय का रिटर्न इस वजह से दाखिल नहीं करता है कि उसका मकसद कर के चोरी का है तो बाद ने मुश्किल हो सकती है।
उन्होंने आगे कहा कि आयकर प्राधिकरण के पास ऐसे चूक पर करदाता के खिलाफ आईटी अधिनियम के अभियोजन पक्ष को 276CC के तहत कार्यवाही का अधिकार है। इसमें 3 महीने से कम अवधि के लिए कठोर कारावास की सजा या हो सकती है या इसे जुर्माने के साथ दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। इसलिए, अगर आपने अभी तक अपने ITR दाखिल नहीं किया है तो बिना किसी और देरी के कर लें।