पुजारा ने खोले जीवन के कई राज, कभी मां के सामने रोते थे, कहते थे इतने दबाव में नहीं खेल पाउंगा

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भारत के टेस्ट विशेषज्ञ चेतेश्वर पुजारा (फाइल फोटो)

भारत के टेस्ट विशेषज्ञ चेतेश्वर पुजारा नकारात्मक विचारों से दूर रहने के लिए योग ध्यान करते हैं और आध्यात्मिक गुरु से सलाह लेते हैं। माइंड मैटर्स पर एक यूट्यूब साक्षात्कार में 33 वर्षीय पुजारा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफल होने के लिए दबाव को संभालना महत्वपूर्ण 

नई दिल्ली। भारत के टेस्ट विशेषज्ञ चेतेश्वर पुजारा नकारात्मक विचारों से दूर रहने के लिए  योग, ध्यान करते हैं और आध्यात्मिक गुरु से सलाह लेते हैं। 'माइंड मैटर्स' पर एक यूट्यूब साक्षात्कार में 33 वर्षीय पुजारा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफल होने के लिए दबाव को संभालना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा उन्होंने जीवन के कई राज खोले। उन्होंने कहा कि एक बार जब आप नकारात्मक सोचने पर आस-पास सब कुछ नकारात्मक दिखता है। वे योग करते हैं और ध्यान लगाने की कोशिश करता हैं। वे हर रोज प्रार्थना करता हैं। इससे उन्हें सकारात्मक मानसिकता में रहने में मदद मिलती है।

पुजारा ने कहा कि ऐसा समय था जब उन्हें लगा कि वे दबाव को नहीं संभाल सकते। युवावस्था में वे अपनी मां के पास जाते थे और उनके सामने यह कहते हुए रोते थे कि वे बहुत दबाव और घबराहट में है और क्रिकेट नहीं खेलना चाहते। अब वे जानते हैं कि   दबाव को कैसे झेलना है। 85 टेस्ट में 6244 रन बनाने वाले दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने केवल 17 वर्ष की उम्र में अपनी मां को खो दिया। इसके बाद से वह एक आध्यात्मिक गुरु की मदद लेते हैं। 

पुजारा ने कहा कि मन मायने रखता है। अगर आप किसी चीज को लेकर स्पष्ट नहीं हैं तो आप हमेशा संदेह में रहते हैं। यदि आप मन से खुशहाल स्थिति में हैं तो आप एक खुशहाल जीवन बिता रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने मां को खो दिय था तो उनके आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि इस क्षति रो स्वीकार करना कठिन है। उन्होंने कहा कि आपको विश्वास रखने की आवश्यकता है और विश्वास एक ऐसी चीज है, जिससे उन्हें आगे बढ़ने में मदद मिली। 

पुजारा ने कहा कि लंबे समय तक आइपीएल की नीलामी में अनसोल्ड रहने पर उन्हें दुख हुआ। चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें इस साल उसे चुना। उन्होंने कहा कि यह कठिन था। इसे  आइपीएल में अनसोल्ड रहना कभी आसान नहीं रहा। इससे मुझे दुख हआ। लेकिन यह एक ऐसी चीज है जिसे वे नियंत्रित नहीं कर सकते। एक समय के बाद उन्हें एहसास हुआ कि वे उन चीजों को करेंगे जिस पर उनका नियंत्रण है। वे छोटे प्रारूप की दिशा में बेहतर करने के लिए काम करते रहे।" पुजारा ने कहा कि खिलाड़ियों को दबाव को संभालने के लिए खेल मनोवैज्ञानिकों से सलाह लेनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कई घरेलू खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव को संभालने में मुश्किल में देखा है। 

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