परीक्षा को मिलेगा कम से कम डेढ़ महीने का वक्त, जानें- कब से होगी परीक्षा

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जुलाई के अंतिम हफ्ते से लेकर 15 अगस्त तक परीक्षा कराने की योजना (फाइल फोटो)

शिक्षा मंत्रालय और सीबीएसई परीक्षा के जिस प्लान को अंतिम रूप देने में जुटे हैं उसमें परीक्षा के एलान के बाद भी छात्रों को तैयारी के लिए डेढ़ महीने का समय मिलेगा। परीक्षा को जुलाई के अंतिम हफ्ते से शुरू करने और पंद्रह अगस्त तक पूरा करने की योजना है।

नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की बारहवीं की बोर्ड परीक्षा के लिए छात्रों को कम से कम डेढ़ महीने का वक्त मिलेगा। फिलहाल शिक्षा मंत्रालय और सीबीएसई परीक्षा के जिस प्लान को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं, उसमें परीक्षा के एलान के बाद भी छात्रों को तैयारी के लिए डेढ़ महीने का समय मिलेगा। ऐसे में परीक्षा को जुलाई के अंतिम हफ्ते से शुरू करने और पंद्रह अगस्त तक पूरा करने की योजना है। यानी पूरी परीक्षा बीस दिन में हो जाएगी।

सिर्फ मुख्य विषयों की कराई जाएगी परीक्षा

परीक्षा से जुड़ी इस योजना को फिलहाल सीबीएसई के परीक्षा कराने के उस पैटर्न को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है, जिसमें सिर्फ मुख्य विषयों की परीक्षा कराई जाएगी। बाकी विषयों में उसके औसत के आधार पर ही अंक प्रदान दिए जाएंगे।

परीक्षा 3 घंटे होगी या डेढ़ घंटे अभी स्पष्ट नही

सूत्रों के मुताबिक हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि परीक्षा पूरे तीन घंटे की और पुराने प्रश्नपत्र के मुताबिक होगी। या फिर यह डेढ़ घंटे और बहुविकल्पीय होगी। ज्यादातर राज्यों को दूसरा विकल्प पसंद खास बात यह है कि सीबीएसई ने हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में राज्यों के साथ हुई बैठक में राज्यों को परीक्षा के दो विकल्प सुझाए थे। जिसमें पहला परीक्षा पूरे तीन घंटे की और पुराने प्रश्न पत्र के मुताबिक होगा। दूसरी डेढ़ घंटे की होगी और प्रश्न पत्र का पैटर्न बहुविकल्पीय होगा। फिलहाल सीबीएसई ने दोनों ही विकल्पों में परीक्षा सिर्फ मुख्य विषयों की ही कराने का प्रस्ताव किया था। इनमें ज्यादातर राज्यों ने दूसरे विकल्प को पसंद किया था।

रोडमैप को मंजूरी मिलने के बाद होगा एलान

सूत्रों के मुताबिक परीक्षाओं पर सभी राज्यों के सुझाव आने के बाद गुरुवार को शिक्षा मंत्रालय और सीबीएसई के आला अधिकारियों ने इस पर लंबा विमर्श किया है। साथ ही इसके पूरे रोडमैप को अंतिम रूप दिया है। माना जा रहा है कि इस संबंध में जल्द ही पीएमओ को भी जानकारी दी जाएगी। जहां से मंजूरी मिलने के बाद इसका एलान कर दिया जाएगा।

जनें- क्यों मुख्य विषय की ही होगी परीक्षा

इस बीच सिर्फ मुख्य विषयों की ही परीक्षा कराने के पीछे जो तर्क दिए जा रहे है, उनमें आइआइटी और एनआइटी जैसे संस्थानों में प्रवेश के लिए इन विषयों की अहमियत है। आइआइटी, एनआइटी जैसे संस्थानों में प्रवेश के लिए बारहवीं में फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ में 75 फीसद अंक जरूरी है, लेकिन कोरोना काल में मंत्रालय ने अंकों की अनिवार्यता से राहत देते हुए सिर्फ पास होना जरूरी होगा।

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