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कई महीने से लटका है इन सड़कों के निर्माण का काम।
काेरोना कर्फ्यू खत्म होते ही विकास कार्यों में तेजी आएगी। जिला पंचायत की हाटमिक्स सड़कें बनाए जाने का काम शुरू हो जाएगा। इसके अलावा पंचायत घर और शौचालयों का निर्माण भी शुरू हो जाएगा। विकास के अन्य कार्य भी होने लगेंगे
मुरादाबाद काेरोना कर्फ्यू खत्म होते ही विकास कार्यों में तेजी आएगी। जिला पंचायत की हाटमिक्स सड़कें बनाए जाने का काम शुरू हो जाएगा। इसके बाद देहात में चमचमाती सड़कें नजर आने लगेंगी। पंचायत चुनाव की घोषणा से पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला पंचायत को 28 किलोमीटर सड़कें हाटमिक्स से बनाने के कहा था। सीएम के आदेश मिलते ही जिला पंचायत के अधिशासी अभियंता राजेश्वर सिंह ने 14 करो़ड़ की लागत से 25 सड़कें बनाने का प्रस्ताव बनाकर उस पर काम करना शुरू कर दिया था।
हाटमिक्स सड़कों का निर्माण पहली बार जिला पंचायत को 14वें राज्य वित्त आयोग से मिली धनराशि से होना था। शासन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। लेकिन, पहले शिक्षक एमएलसी चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो गई। आचार संहिता की वजह से निविदाएं फंस गईं। तीन दिसंबर को शिक्षक एमएलसी चुनाव का परिणाम आने के बाद विकास कार्यों में तेजी आई थी। इसी बीच पंचायत चुनाव की घोषणा हो गई। अपर मुख्य अधिकारी शिशुपाल शर्मा ने बताया कि कामों की निविदाएं खोलकर एग्रीमेंट हो गए हैं। कोरोना और पंचायत चुनाव की वजह से काम प्रभावित हो रहा था। चुनाव के दौरान ही कोरोना की दूसरी लहर आ गई। इस कारण मजदूर नहीं मिल रहे हैं। विकास के सभी काम बंद पड़े हैँ। इसकी वजह से सड़कों का काम बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। अपर मुख्य अधिकारी शिशुपाल शर्मा का कहना है कि कोरोना में ठेकेदारों पर दवाब नहीं बनाया जा सकता है। कोरोना कर्फ्यू खत्म होने के बाद काम शुरू कराने की कोशिश रहेगी। इसके बाद ही तेजी से काम हो पाएंगे।
गन्ना समितियां के पास बजट
गन्ना समितियों के पास सड़कें बनवाने के लिए धनराशि है। बरसात से पहले उन्हें यह धनराशि सड़कों के निर्माण पर खर्च करनी होती है। गन्ना समिति की बनवाई हुई सड़कें जर्जर हैं। कोरोना संक्रमण की वजह से उनकी मरम्मत का काम भी नहीं हो पाया है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना
प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत 18 सड़कें बनाई जानी हैं। इन सड़कों के निर्माण की स्वीकृति भी बहुत पहले हो चुकी है। लेकिन, निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। इसके पीछे भी कोरोना ही है। कोरोना संक्रमण में काम ही चालू नहीं हो पा रहा है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को परेशान होना पड़ता है।
पंचायत भवन और शौचालय
पंचायत भवन और शौचालय बनाए जाने का काम सरकार की प्राथमिकता वाला है लेकिन, कोरोना संक्रमण की वजह से कई गांवों में काम अधूरा पड़ा है। आचार संहिता के बाद लेबर ही मिलना मुश्किल हो गई है। मजदूर भी कोरोना के खौफ से काम नहीं करना चाह रहे हैं।
मध्य गंगा नहर परियोजना
मध्य गंगा नहर के लिए जमीन खरीदे जाने का काम कोरोना संक्रमण की वजह से ठप हो गया है। किसान अधिकारियों से जमीन के संबंध में बात करने से कतरा रहे हैं। दूसरा नहर विभाग के बड़ी संख्या में अधिकारी कोरोना पाजिटिव होने की वजह से भी काम नहीं कर पा रहे हैं। इससे नहर का प्रोजेक्ट लटक गया है।