

RGA news
सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं देने जा रहे 521 छात्रों ने इस पीआईएल के साथ एक हस्तक्षेप याचिका दायर की है।
Supreme Court उच्चतम न्यायालय में सीबीएसई की सीनियर सेकेंड्री और सीआईएससीई की आईएससी परीक्षाओं का महामारी के बीच आयोजन न करने और इन परीक्षाओं को रद्द करते हुए रिजल्ट ‘ऑब्जेक्टिव मेथोडोलॉजी’ के आधार निश्चित समय-सीमा के भीतर घोषित किये जाने की मांग वाली जनहित याचिका पर आज सुनवाई होनी है
नई दिल्ली। सीबीएसई और सीआईसीएसई की कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द किये जाने की मांग कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए आज का दिन काफी महत्वपूर्ण हो सकता है। उच्चतम न्यायालय में सीबीएसई की सीनियर सेकेंड्री और सीआईएससीई की आईएससी परीक्षाओं का कोविड-19 महामारी के बीच आयोजन न करने और इन परीक्षाओं को रद्द करते हुए रिजल्ट ‘ऑब्जेक्टिव मेथोडोलॉजी’ के आधार निश्चित समय-सीमा के भीतर घोषित किये जाने की मांग वाली जनहित याचिका (पीएआईएल) पर आज, 31 मई 2021 को सुनवाई होनी है।
एडवोकेट ममता शर्मा द्वारा दायर इस पीआईएल पर शुक्रवार, 28 मई को हुई सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत द्वारा पीआईएल की एडवांस कॉपी प्रतिवादियों केंद्र सरकार, सीबीएसई और सीआईएससीई को उपलब्ध कराने के याचिकाकर्ता को निर्देश देने के साथ ही मामले की अगली सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी गयी थी।
सीबीएसई और सीआईएससीई की 12वीं की परीक्षाओं को रद्द किये जाने की मांग वाली इस याचिका के अनुसार, कोविड-19 के संक्रमण के मामलों को देखते हुए परीक्षाओं का आयोजन ऑफलाइन या ऑनलाइन मोड में संभव नहीं है। यदि ‘ऑब्जेक्टिव मेथोडोलॉजी’ से नतीजे घोषित निश्चित समय-सीमा में घोषित नहीं होते हैं तो लगभग 12 लाख स्टूडेंट्स का भविष्य खराब होगा।
521 और छात्रों ने दायर की हस्तक्षेप याचिका
दूसरी तरफ, सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं देने जा रहे देश भर के 521 छात्रों ने इस पीआईएल के साथ एक हस्तक्षेप याचिका दायर की है। एडवोकेट तानवी दूबे के माध्यम से इन छात्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले यूथ बार एसोशिएसन दायर की हस्तक्षेप याचिका में कहा गया है कि कक्षा 12 की परीक्षाओं का आयोजन कक्षा 10 की परीक्षाओं को रद्द किये जाने के बोर्ड के अपने स्वयं के निर्णय का खंडन करता है