शाखोबिदिन जोइरोव की कमजोरी तलाश रहे अमित पंघाल, अब टोक्यो ओलंपिक में होगी भिड़ंत

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अमित पंघाल 52 किग्रा भार वर्ग में दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज हैं। (फोटो ट्विटर)

अमित पंघाल 52 किग्रा भार वर्ग में दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज हैं। देश को पंघाल से ओलंपिक में पदक की उम्मीद है लेकिन उनसे एक रैंक नीचे उज्बेकिस्तान के रियो ओलंपिक चैंपियन शाखोबिदिन जोइरोव इसमें सबसे बड़ी बाधा हैं

 रोहतक के मायना गांव के अमित पंघाल 52 किग्रा भार वर्ग में दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज हैं। वह टोक्यो ओलंपिक का टिकट हासिल कर चुके हैं। देश को पंघाल से ओलंपिक में पदक की उम्मीद है, लेकिन उनसे एक रैंक नीचे उज्बेकिस्तान के रियो ओलंपिक चैंपियन शाखोबिदिन जोइरोव इसमें सबसे बड़ी बाधा हैं। पंघाल व जोइरोव के बीच तीन बार मुकाबला हुआ है और तीनों बार पंघाल को हार का सामना करना पड़ा है।

जोइरोव ने सितंबर 2019 में विश्व चैंपियनशिप के फाइनल और इसके बाद गवर्नर कप में भी पंघाल को मात दी थी। यही नहीं, जोइरोव ने बीते सोमवार को दुबई में एशियाई चैंपियनशिप के फाइनल में भी पंघाल को विवादित फैसले में हराया। वैसे, पंघाल कड़े अभ्यास के साथ ही जोइरोव के पुराने मुकाबलों के वीडियो देखकर उनकी कमजोरी तलाश रहे हैं। अगर टोक्यो में पंघाल जोइरोव को हरा देते हैं तो फिर देश के लिए पदक पक्का है।

अमित पंघाल वर्ष 2020 में लॉकडाउन के दौरान घर पर ही थे। स्टेडियम और जिम बंद थे, इसलिए घर के आंगन में ही नीम के पेड़ पर बॉक्सिंग बैग बांधकर अभ्यास किया। इसके बाद राष्ट्रीय कैंप में चले गए, जहां उनके निजी कोच अनिल धनखड़ उन्हें ओलंपिक के लिए तैयारी करा रहे हैं। मौजूदा फॉर्म को देखते हुए पंघाल का पदक ओलंपिक में पक्का है, लेकिन वे स्वर्ण पदक के लिए कितनी मेहनत करेंगे ये देखने वाली बात होगी। 

अमित पंघाल इंटरनेट मीडिया पर ज्यादा सक्रिय रहते हैं। उनका कहना है कि इंटरनेट मीडिया पर देश-दुनिया में क्या हो रहा है, इसकी पूरी जानकारी मिलती रहती है। साथ ही लोग उनके खेल के बारे में क्या अच्छी और बुरी बातें करते हैं, इसका भी पता चलता रहता है। उनका मानना है कि अगर कोई आपकी किसी कमी पर कमेंट करता है तो उसमें सुधार करने की गुंजाइश रहती है। वह इंटरनेट मीडिया को सार्थक प्लेटफॉर्म मानते हैं।

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