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RGA news
कटरा के थोक बाजार व कपड़े की दुकानों पर भीड़।
कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमितों की संख्या कम होने के बाद शहर और देहात के बाजार खुल चुके हैं। इन बाजारों में कोविड-19 गाइड लाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। इससे आगामी दिनों में संक्रमण के फैलने का खतरा मंडरा रहा है।
मुरादाबाद,कोरोना की दूसरी लहर कम होने के बाद बाजार खुला। इस दौरान बाजार में कहीं कोविड के नियम तार-तार नजर आए तो कहीं सन्नाटा पसरा रहा। कटरा के कपड़़े़ के थोक बाजार की दुकानों व बुधबाजार स्थित सुपर बाजार में भीड़ अधिक नजर आई। बर्तन और सराफा में भीड़ कम थी। सराफा में अधिकांश दुकानों में सन्नाटा था। बड़े शोरूम में एक-दो ग्राहक खरीदारी करते दिखाई दिए।
टाउनहाल पर कपड़े की छोटी दुकानों में दो गज की दूरी नहीं दिखी। वहां महिलाएं कोविड-19 नियम को भूलकर खरीदारी कर रही थीं। फुटकर के बड़े कारोबारियों ने 50 फीसद स्टाफ बुलाया। बर्तन बाजार में भी थोक कारोबारियों ने कारखाने के श्रमिकों को भी 50 फीसद बुलाया। कटरा बाजार में ग्राहक मास्क लगाए थे लेकिन, सैनिटाइजेशन नहींं किया जा रहा था। सराफा के बड़े शोरूम पर गार्ड ने सैनिटाइजर स्प्रे कराने के बाद ही ग्राहकों को भीतर आने दिया।
बाजार खुलते ही एक महीने से बंद दुकानों की सफाई
दुकानदारों ने एक महीने से बंद दुकानों की सफाई की। दरवाजों को सैनिटाइज किया गया और अधिकांश दुकानदारों ने संक्रमण से बचने को पन्नी भी लटकाई। दरवाजों व कुर्सियों के हैंडिल साफ किए गए। बिना मास्क के प्रवेश वर्जित किए गए।
एक महीने में दो अरब का नुकसान का अनुमान
अप्रैल से बाजार बंद था। जिससे एक अनुमान के आधार पर व्यापारी करीब दो अरब रुपये का नुकसान बता रहे हैं। इस बार अप्रैल-मई में बहुत बड़ा सहालग था। जिससे मई में बाजार बंद होने से कारोबार चौपट रहा। कारोबारियों की मानें तो गेहूं की कटाई के बाद किसान फसल बेचता है तो खरीदारी अधिक होती है। पहले दिन बाजार खुला तो अब व्यापारियों को शेष सहालग से अच्छे कारोबार की उम्मीदें हैं।
पहला दिन तो सफाई में बीता। ग्राहक से सराफा खाली था। लेकिन, अब बाजार खुला है तो उम्मीद है कि दो-चार दिन में स्थिति सुधरेगी। पहले तो आदमी अपने जरूरत की चीजें खरीदता है। उसके बाद ही गहने खरीदने की सोचता है। शेष सहालग से थोड़ी उम्मीदें हैं।