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चालकों की अभाव से बसों का चलना मुश्किल।
कोरोना कर्फ्यू हटाने के बाद से यात्रियों की संख्या बढ़ गई है लेकिन कोरोना के डर से संविदा के चालक व परिचालक ड्यूटी करने से डर रहे हैं। जिससे सभी बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। कई मार्गों पर बसों की संख्या कम हो गई है।
मुरादाबाद,कोरोना कर्फ्यू हटाने के बाद से यात्रियों की संख्या बढ़ गई है, लेकिन कोरोना के डर से संविदा के चालक व परिचालक ड्यूटी करने से डर रहे हैं। जिससे सभी बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। कई मार्गों पर बसों की संख्या कम हो गई है। कोरोना की दूसरी लहर के बाद मई में पूरी तरह के कोरोना कर्फ्यू लागू हो गया। इससे बसों में यात्रियों की संख्या कम हो गई थी। मंडल में रोडवेज की सात सौ बसों में सवा सौ बसें चल रहीं थीं। शेष बसें डिपो में खड़ी हो गईं थीं।
एक जून से दिन में कोरोना कर्फ्यू हटा लिया गया है। उसके बाद बसों में यात्रियों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई है। रोडवेज प्रबंधन सभी बसों को चलाने को तैयार है, चालक और परिचालक के अभाव में बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। दूसरी लहर का भय संविदा के चालकों में सबसे अधिक है। भय होने का कारण यह है कि कोरोना से मौत होने पर संविदा चालकों व परिचालकों के आश्रितों को कोई लाभ नहीं दिया जाता है। यहां तक कि उसके आश्रितों को नौकरी तक नहीं दी जाती है। जबकि स्थायी कर्मियों के आश्रितों को सभी प्रकार का लाभ मिलता है। मंडल में 15 सौ संविदा के चालक व परिचालक कार्यरत हैं। जिन्हें बसों के संचालन के आधार पर वेतन दिया जाता है। कोरोना के डर से मंडल में तीन सौ चालक व परिचालक ड्यूटी पर आने को तैयार नहीं हैं। इन लोगों का तर्क है कि कोरोना से मौत हो जाने पर उसके परिवार वालों को किसी तरह की मदद नहीं मिलेगी। चालक व परिचालकों के नहीं आने से मंडल से साढ़े पांच सौ बसे चल पा रहीं हैं। मुरादाबाद दिल्ली, मुरादाबाद अलीगढ़ मार्ग पर बसों की संख्या कम हो गई है। कई ग्रामीण मार्गों पर बसों का संचालन तक नहीं हो पा रहा है। क्षेत्रीय प्रबंधक अतुल जैन ने बताया कि कोरोना के डर से मंडल में तीन सौ संविदा के चालक व परिचालक ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं। जिससे सभी बसों को चलाने में परेशानी हो रही है। कोरोना कर्फ्यू हटने के बाद 50 फीसद से अधिक यात्रियों की संख्या में वृद्धि हो गई है। लगातार यात्रियों की संख्या बढ़ रही है।