फिर आसमान पहुचा प्याज का भाव, गोरखपुर में एक सप्ताह में डेढ़ गुना बढ़ी कीमत

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RGA news

प्‍याज का भाव फ‍िर आसमान पर पहुंच गया है। 

प्याज की कीमतें फिर आसमान छूने लगी हैं। गोरखपुर में एक सप्ताह के भीतर प्‍याज की कीमत में पचास फीसद तक इजाफा हुआ है। बारिश के कारण प्याज के भीगकर सड़ने के कारण कीमतें बढ़ी हैं। माना जा रहा है कि प्याज की कीमत अभी और बढ़ेगी।

गोरखपुर प्‍याज की कीमतेें फ‍िर आसमान छूने लगी हैं। गोरखपुर में प्याज की कीमतों में एक सप्ताह के भीतर पचास फीसद तक इजाफा हुआ है। फुटकर बाजार में पिछले साेमवार को प्याज 20 रुपये था जो बढ़िर 30 रुपये हो गया। देश के विभिन्न भागों में हाल ही में हुई बारिश के कारण प्याज खेतों में सड़ गया और नासिक से जो प्याज आ रहा है उसमें 25 फीसद भीगा निकल रहा है। अगर स्थिति ऐसी रही तो आने वाले दिनों में कीमत और भी बढ़ सकती है।

बार‍िश में सड़ गई प्‍याज

बीते दिनों पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवात के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में जमकर बारिश हुई है। बारिश और गर्मी का असर आलूू-प्याज पर दिखने को मिल रहा है। गर्मी और नमी के कारण आलू और प्याज सड़ रहे हैं। खासकर नासिक से आने वाले प्याज में 15 से 25 फीसद तक वेस्ट निकल रहा है। इसका असर पर भी प्याज के दामें पर पड़ रहा है। मांग कम होने और मंडी में भरपूर आवक की वजह से अप्रैल व मई में फुटकर बाजार में प्याज 15 से 20 रुपये किलो बिका, जबकि थोक में अच्छा प्याज 1200 से 1400 रुपये क्विंटल बेचा गया।

10 से 15 फीसद ज्यादा प्याज खराब निकल रहा

सोमवार को महेवा स्थित थोक मंडी में प्याज का भाव 2000 से 2200 रुपये क्विंटल था। भीगने की वजह से काफी प्याज सड़ा निकल रहा है। फुटकर विक्रेता प्याज घर ले जाकर छांट रहे हैं। अच्छा व सूखा प्याज 30 तो भीगी प्याज 22 से 26 रुपये किलो बेच रहे हैं। भीगी प्याज तीन दिन से ज्यादा रखा नहीं जा सकता। थोक कारोबारी मोहम्मद शम्स के मुताबिक नासिक से आने वाले प्याज पर चक्रवात एवं बारिश की मार पड़ी है। पहले के मुकाबले 10 से 15 फीसद ज्यादा प्याज खराब निकल रहा है। इससे कई कारोबारियों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। लिहाजा थोक के साथ छोटी मंडियों में दाम बढ़ना तय है। जून के आखिर तक प्याज का दाम और ऊपर जाएगा।

कम हुई खाद्य तेलों की कीमत

रिफाइंड एवं सरसों के तेल की कीमतें कम हुई है। थोक कारोबारियों के मुबातिक बाजार में सरसों की फसल तेल कंपनियों तक पहुंचने लगी है। यही वजह है कि तेल की कीमत गिर रही है। हर वर्ष जून से लेकर अगस्त तक तेल के दाम में नरमी देखने को मिलती है।

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