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कोरोना संक्रमण कम होने से गोरखपुर में बुधवार से कोरोना कर्फ्यू में राहत मिलने की उम्मीद है।
गोरखपुर में कोरोना संक्रमितों की संख्या में बड़ी गिरावट आने के साथ ही सोमवार को मौतों की संख्या शून्य रही। इसके पहले 30 मार्च को एक भी मौत नहीं हुई थी। बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में लगभग सवा दो महीने बाद एक भी मौत नहीं हुई।
गोरखपुर, गोरखपुर में कोरोना संक्रमण के कदम थम गए हैं। संक्रमितों की संख्या में बड़ी गिरावट आने के साथ ही सोमवार को मौतों की संख्या शून्य रही। इसके पहले 30 मार्च को एक भी मौत नहीं हुई थी। बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में लगभग सवा दो महीने बाद एक भी मौत नहीं हुई। हालांकि पोर्टल पर पुरानी मौतें अपडेट होने से स्वास्थ्य विभाग ने तीन मौतों की सूचना जारी की है। 68 दिन बाद सबसे कम 19 संक्रमित मिले। इसके पहले 30 मार्च को 10 संक्रमित मिले थे। 31 मार्च को इनकी संख्या 49 थी।
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि जिले में संक्रमितों की संख्या 59020 हो गई है। 57620 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। 780 लोगों की मौत हो चुकी है। 620 सक्रिय मरीज हैं। उन्होंने बचाव की अपील की है। कहा है कि अब कोरोना नियंत्रण में आ गया है। यह सब सतर्कता व बचाव के चलते ही संभव हो पाया है। इसलिए कोविड प्रोटोकाल का पालन करते रहें। शीघ्र ही यह महामारी जिले से विदा हो जाएगी।
बुधवार से राहत की उम्मीद
गोरखपुर में संक्रमितों की संख्या छह सौ से अधिक होने के कारण अभी कोरोना कर्फ्यू से राहत नहीं मिली है। लोगों को उम्मीद थी कि मंगलवार से लोगों को कर्फ्यू से राहत मिलेगी लेकिन सोमवार मरीजों के ठीक होने की रफ्तार कुछ कम रही इसलिए लोगों को राहत नहीं मिली। उम्मीद है कि मंगलवार को कुल एक्टिव मरीजों की संख्या छह सौ से नीचे आ जाएगी और लोगों को बुधवार से राहत मिलेगी।
आज से दुकान खोलने की अनुमति दे प्रशासन
पूर्वांचल उद्योग व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष रमेश चंद गुप्ता के नेतृत्व में महानगर के विभिन्न व्यापारी संगठनों ने जिला प्रशासन से मंगलवार से दुकान खोलने की मांग की है। व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल सोमवार को मांगों से संबंधित पत्रक एडीएम सिटी को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि इस समय जिले में कोरोना के केस काफी कम हो गए हैं। ऐसे में अब अन्य जिलों की तरह गोरखपुर में भी जिला प्रशासन आठ जून से जिला और महानगर की समस्त दुकानों को खोलने की अनुमति दे, जिससे व्यापारियों की समस्याएं दूर हो सके।
प्रतिनिधिमंडल में महानगर अध्यक्ष मणि नाथ गुप्ता, सुबोध श्रीवास्तव, राजेश तुलस्यान, शिवराज मलकानी, ओमकार गुप्ता, नरेंद्र जायसवाल, अमित अग्रवाल, राजकुमार साहू, विजय कुमार पाठक, मुरली मनोहर कश्यप, सिद्धार्थ जायसवाल, अनिल तथा भानु प्रताप सिंह आदि शामिल रहे।
डोज कोविशील्ड की, सर्टिफिकेट कोवैक्सीन का
उधर, कोविड पोर्टल की गड़बड़ी सुधरने का नाम नहीं ले रही है। चरगावां पीएचसी पर अरुण कुमार पांडेयने टीकाकरण कराया। उन्हें कोविडशील्ड की डोज दी गई और सर्टिफिकेट को-वैक्सीन का मिला। अरुण कुमार ने अपने परिवार के तीन सदस्यों के साथ चरगावां पीएससी पर पांच मई को टीका लगवाया। पोर्टल के मुताबिक इस पीएचसी पर को-वैक्सीन का आवंटन है। हालांकि कोविशील्ड लगाई गई। कर्मचारियों ने कोविशील्ड का प्रमाण पत्र दिया मगर कोविन पोर्टल पर चारों लोगों को को-वैक्सीन लगाने का सर्टिफिकेट जारी हो गया है। इसके बाद से चारों लोग परेशान हैं। को-वैक्सीन की दूसरी डोर 28 दिन बाद लगती है। जबकि कोविशील्ड की 84 दिन बाद। पीड़ित ने इस मामले की जानकारी सीएमओ को दी। उन्होंने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर भी अपनी शिकायत दर्ज कराई है।