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गोरखपुर में कोरोना संक्रमण लगभग खत्म होने की स्थिति में आ गया है1
15 मार्च को संक्रमितों की संख्या शून्य थी। लेकिन इसके बाद बढ़ती गई। अप्रैल में तो दहशत का माहौल पैदा हो गया था। अस्पतालों में बेड फुल हो गए। गंभीर मरीजों को जगह नहीं मिल रही थी। लेकिन मई से ही संक्रमितों की संख्या घटने ल
गोरखपुर, दो माह तक भीषण त्रासदी झेलने के बाद जिला अब खुली हवा में सांस लेने की स्थिति में आ गया है। पिछले एक सदी में इतनी बड़ी त्रासदी हमने नहीं झेली थी। कोरोना के नियंत्रण में आ जाने के बाद बुधवार से अनलाक हो गया लेकिन यह ध्यान रखना होगा कि फिर लाक न हो जाए। थोड़ी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है। क्योंकि जरा सी चूक से अप्रैल में 62 गुना संक्रमण बढ़ गया था। इतना ही नहीं पिछले साल के मुकाबले यह महामारी दूना ताकतवर होकर लौटी और कई लोग असमय हमारे बीच से चले गए।
हमने अपनी गलतियों की खामियाजा बुरी तरह भोगा है। लाचार होकर लोग प्रियजनों को मरते हुए देखते रहे। क्योंकि कुछ कर नहीं सकते थे। अस्पताल फुल थे। आक्सीजन की कमी हो गई। मेडिकल कालेज के बाहर एंबुलेंस में पड़े बेड खाली होने के इंतजार में लोगों ने दम तोड़ दिया। दूसरी बार लौटी इस महामारी का सबसे दुखद पहलू यही था कि लोग चाहकर भी अपने स्वजन के लिए इलाज की मुकम्मल व्यवस्था नहीं कर पाए। यह लाचारी आजीवन सालती रहेगी। यह स्थिति दोबारा न लौटे इसलिए अब हमें पूरी तरह सावधान हो जाने की जरूरत है, ताकि पुन: इस महामारी के कदम हमारे आंगन में न पड़ें।
ऐसे बढ़ा संक्रमण
कोरोना से पिछले साल 24 अप्रैल को जब पहली बार दस्तक दी तो संक्रमण धीरे-धीरे फैला और बड़ी आसानी से नियंत्रित हो गया। इस साल के 15 मार्च तक संक्रमण काफी कम हो गया था। लग रहा था अब कोरोना की विदाई तय है। लेकिन मार्च के तीसरे सप्ताह में संक्रमण फिर बढ़ने लगा। हमारी लापरवाहियों के चलते अप्रैल में मार्च की अपेक्षा अचानक 62 गुना संक्रमण बढ़ गया। इससे थोड़ा कम सही लेकिन मई भी दहशत फैलाता रहा। जून से पुन: संक्रमितों के आंकड़े बेहद कम होने से स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली है। कोविड अस्पताल लगभग खाली हो चुके हैं। संक्रमितों की संख्या छह सौ के नीचे आ गई है
15 मार्च को शून्य थी संक्रमितों की संख्या
15 मार्च को संक्रमितों की संख्या शून्य थी। लेकिन इसके बाद बढ़ती गई। अप्रैल में तो दहशत का माहौल पैदा हो गया था। अस्पतालों में बेड फुल हो गए। गंभीर मरीजों को जगह नहीं मिल रही थी। लेकिन राहत की बात यह रही कि मई से ही संक्रमितों की संख्या घटने लगी। मात्र दो माह में ही कोरोना का उत्थान व पतन दोनों हो गया। इस साल मार्च में संक्रमितों की संख्या 326 थी, जो अप्रैल में बढ़कर 20322 हो गई। 10870 लोग स्वस्थ हुए और 78 की मौत हुई। मई में संक्रमितों की संख्या घटी और स्वस्थ होने वालों की बढ़ी। मौतें भी इस माह में अधिक हुईं। मई में 16766 लोग संक्रमित हुए। जबकि स्वस्थ होने वालों की संख्या 24879 रही। 259 लोगों की मौत हुई। जून में संक्रमितों की संख्या काफी कम हो गई है। कोरोना को हराने वालों की संख्या बढ़ रही है। केवल 573 संक्रिय मरीज रह गए हैं।
इस साल के माहवार आंकड़े
माह जांच संक्रमित स्वस्थ मौत
जनवरी 48957 372 414 16
फरवरी 41463 78 129 09
मार्च 38342 326 95 01
अप्रैल 129799 20322 10870 78
मई 130094 16766 24879 259
जून 19261 108 741 76
कुल सक्रिय मरीज 573
होम आइसोलेट 289
अस्पताल में 284
बीआरडी 55
एयरफोर्स 19
टीबी अस्पताल 01
रेलवे अस्पताल 04
हरनही सीएचसी 01
निजी अस्पताल 204
नोट- आंकड़े मंगलवार की सुबह छह बजे तक के हैं।
कोरोना अब नियंत्रण में आ गया है। लेकिन सतर्कता व बचाव के उपायों का पालन सभी लोग करते रहें, क्योंकि संंक्रमण कम हुआ है, अभी खत्म नहीं हुआ। इसलिए लापरवाही इसे पुन: लौटने में मदद कर सकती है। सावधान रहे। शारीरिक दूरी व मास्क का प्रयोग जरूर करें। - डा. सुधाकर पांडेय, सीएमओ
24 घंटे में स्वस्थ हुए 73, संक्रमित मिले 36
कोरोना के कदम थम गए हैं। स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़ रही है और संक्रमितों की संख्या में कमी आती जा रही है। 24 घंटे में 73 मरीज स्वस्थ हुए और मात्र 36 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। जिले में एक भी मौत नहीं हुई। हालांकि बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में देवरिया के तीन मरीजों ने दम तोड़ दिया। सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि जिले में संक्रमितों की संख्या 59067 हो गई है। इसमें 57693 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। 784 की मौत हो चुकी है। 590 सक्रिय मरीज हैं। मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में देवरिया के 36 व 60 वर्षीय पुरुष तथा 48 वर्षीय महिला भर्ती थीं। मंगलवार को उनकी मौत हो गई।