

RGAन्यूज़
तापमान कम नहीं हुआ तो दुनिया को बड़े आर्थिक, पर्यावरणीय और मानवीय नुकसान उठाने पड़ेंगे।
वैज्ञानिकों ने पेरिस समझौते के संकल्पों की याद दिलाते हुए कहा है कि छह साल बीत जाने के बावजूद तापमान कम करने और नुकसानदायक गैसों का उत्सर्जन कम करने की दिशा कुछ खास नहीं हुआ है। स्थिति निरंतर बिगड़ रही है।
नई दिल्ली। दुनिया के नामी मौसम विज्ञानियों ने इस सदी के अंत तक धरती का तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस कम न हो पाने से जुड़े खतरों की ओर जी 7 देशों के नेताओं का ध्यान खींचा है। कहा है कि अगर तापमान कम नहीं हुआ तो दुनिया को बड़े आर्थिक, पर्यावरणीय और मानवीय नुकसान उठाने पड़ेंगे। उस समय उसका कोई निदान भी नहीं होगा।
वैज्ञानिकों ने पेरिस समझौते के संकल्पों की याद दिलाते हुए कहा है कि छह साल बीत जाने के बावजूद तापमान कम करने और नुकसानदायक गैसों का उत्सर्जन कम करने की दिशा कुछ खास नहीं हुआ है। स्थिति निरंतर बिगड़ रही है। नवंबर में ग्लास्गो में होने वाले विश्व पर्यावरण सम्मेलन से पहले जी 7 शिखर सम्मेलन में पर्यावरण को लेकर घोषणा और उनके अमल का खाका खींचा जाना चाहिए। नुकसान पहुंचाने वाली गैसों का उत्सर्जन कम करने के लिए गरीब देशों को ईंधन के वैकल्पिक साधन उपलब्ध कराए जाने चाहिए। यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सटर एंड इंटरनेशनल सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज एंड डेवलपमेंट से जुड़े विशेषज्ञों ने बयान जारी कर भविष्य के खतरों से आगाह किया है।
नेताओं के मास्क लगाकर प्रदर्शन
ब्रिटेन में जी 7 शिखर सम्मेलन में आए नेताओं और मीडिया का ध्यान खींचने के लिए पर्यावरण संरक्षण के पक्षधर संगठनों के कार्यकर्ताओं ने समुद्र के तट पर प्रदर्शन किया। इसी समुद्र के एक अन्य तट पर बने रिजॉर्ट में शिखर सम्मेलन हो रहा है। सैकड़ों की संख्या में एकत्रित हुए प्रदर्शनकारियों ने नेताओं के चेहरे वाले मास्क पहनकर और हाथों में अपनी मांगों के संबंध कार्ड लेकर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का आयोजन समुद्र में गंदगी गिराए जाने के विरोधी संगठन अंगेस्ट सीवेज ने किया था।