दूसरी लहर में बच्चों का नियमित टीकाकरण न होना चिंताजनक, कई बीमारियों का हो सकता है खतरा

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RGAन्यूज़

एक वर्ष से कम उम्र के 20 से 22 लाख बच्चों का हर महीने किया जाता है टीकाकरण

देशभर में एक वर्ष से कम उम्र के अनुमानित 20 लाख से 22 लाख बच्चों का हर महीने राष्ट्रीय कार्यक्रमों के तहत टीकाकरण किया जाता है। वहीं प्रति वर्ष बच्चों की यह संख्या लगभग 260 लाख होती है।

नई दिल्ली। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान बच्चों के नियमित टीकाकरण में भारी गिरावट पर चिंता व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बच्चों में उन बीमारियों का खतरा हो सकता है, जिनका टीके से बचाव संभव है। उनका कहना है कि यह समस्या एक संभावित चुनौती के रूप में फिर से उभर सकती है।

अधिकारियों के अनुसार, देशभर में एक वर्ष से कम उम्र के अनुमानित 20 लाख से 22 लाख बच्चों का हर महीने राष्ट्रीय कार्यक्रमों के तहत टीकाकरण किया जाता है। प्रति वर्ष बच्चों की यह संख्या लगभग 260 लाख होती है।स्वास्थ्यकíमयों ने कहा है कि कई माता-पिता अपने बच्चों को इस समय डीटीपी, न्यूमोकोकल, रोटावायरस जैसी बीमारियों के खिलाफ नियमित टीकाकरण के लिए लाने से डरते हैं।

कोलंबिया एशिया अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ सुमित गुप्ता ने कहा कि टीकाकरण में एक या दो महीने की देरी हो सकती है। लेकिन बच्चों में सही समय पर प्रतिरक्षा की सही मात्रा का निर्माण करने के लिए अनिवार्य टीके निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार दिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा, हमने दूसरी लहर (कोविड की) के दौरान देखा है कि लगभग 60 प्रतिशत बच्चे टीकाकरण से चूक गए हैं, जो पिछले साल से अधिक है। लोग अस्पताल आने से डरते हैं। कुछ टीकाकरण से इसलिए चूक गए क्योंकि वे लाकडाउन के कारण यात्रा नहीं कर सके।                                                                                                                

 

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