नकली नोटों के धंधे के असली खिलाड़ी की तलाश में जुटी एटीएस, पाक‍िस्‍तान से होती थी सप्‍लाई

harshita's picture

RGA न्यूज़

पश्चिमी बंगाल के मालदा निवासी अंशुल से मिलती थी नकली नोटों की खेप।

नकली नोटों का असली खिलाड़ी पश्चिमी बंगाल के मालदा अंशुल नाम का व्यक्ति है। नकली नोटों को बाजार में चलाकर देश की अर्थव्यवस्था को खोखला करने वाले अंशुल के विदेश से भी तार जुड़े होने संदेह जताया जा रहा है।

मुरादाबाद, नकली नोटों का असली खिलाड़ी पश्चिमी बंगाल के मालदा अंशुल नाम का व्यक्ति है। नकली नोटों को बाजार में चलाकर देश की अर्थव्यवस्था को खोखला करने वाले अंशुल के विदेश से भी तार जुड़े होने संदेह जताया जा रहा है। अंशुल के पास पाकिस्तान से बांग्लादेश होकर नकली नाेटों की खेप आती है। वह यूपी समेत देश के कई प्रदेशों में अपना नेटवर्क बिछाकर नकली नोटों का धंधा कर रहा है। एटीएस की टीम आरोपित की तलाश में जुट गई है। आरोपित के ठिकानों का पता लग चुका है।

एसएसपी पवन कुमार ने बताया कि पश्चिमी बंगाल के जिला मालदा के कस्बा व थाना कालिया चैक के रहने वाले सावन मियां का बेटा इनामुल मियां उर्फ बंगाली शातिर अपराधी है। वह अपने नाम बदलकर नकली नोटों का धंधा करता है। नकली नाेटों के धंधे में उसे रिंकू के नाम से पहचाना जाता है। इनामुल वर्ष 2017 में दिल्ली के थाना जामा मस्जिद में नकली नोटों के साथ पकड़े जाने के बाद तिहाड़ जेल में बंद था। इस दौरान वीरेंद्र निवासी ग्राम भगवानपुर, थाना बिनावर, जनपद बदायूं भी नारकोटिक्स पदार्थ को बरेली से दिल्ली जाते समय गिरफ्तार हुआ था। दिल्ली पुलिस ने वीरेंद्र को भी तिहाड़ जेल भेजा था। दोनों की तिहाड़ जेल में ही दोस्ती हो गई। जेल से छूटने के बाद इनामुल मियां उर्फ बंगाली ने पश्चिमी बंगाल से नकली नोटों की खेप वीरेंद्र सिंह के पास भेजना शुरू किया। बरेली के थाना भमोरा के गांव खुलाताहरपुर के शानू के बहनोई परवेज का केस पटियाला कोर्ट दिल्ली में चल रहा था। वहीं पर शानू व वीरेंद्र सिंह की मुलाकात हुई। दोनों के जिले भले ही अलग हैं, लेकिन गांव आसपास ही हैं। दोनों का एक-दूसरे के घर आना-जाना हो गया था। वीरेंद्र सिंह ने शानू को रातोंरात मालामाल होने का सपने दिखाकर नकली नोटों के धंधे में शामिल कर लिया। वसीम की रिश्तेदारी शानू के गांव के पास ही थी। उसका रिश्तेदारी में आना-जाना था। शानू से दोस्ती के कारण वसीम भी नकली नोटों के धंधे में शामिल हो गया। वसीम का छोटा भाई हसीन पप्पू उर्फ फौजी के साथ मच्छरदानी का काम करता था। उसने पप्पू फौजी की मुलाकात वसीम से कराई। इसके बाद पप्पू उर्फ फौजी ने अपनी ससुराल के रहने वाले रंजीत व अपने मामा के लड़के संजय निवासी सुरजन नगर को अपने साथ इस धंधे में शामिल कर लिया। संजय सिंह ने अपने बहनोई विनोद निवासी ग्राम जगरमपुरा, थाना मूंढापांडे, मुरादाबाद को शामिल किया। संजय व विनोद पेट्रोल पंप पर नकली नोट से डीजल खरीदने के मामले में गिरफ्तार हो गए। इसके बाद गिरोह पर मूंढापांडे पुलिस, एसओजी और सर्विलांस टीम ने काम किया। नकली नोटों का धंधा करने वाले गिरोह से से पर्दा उठता चला गया।

खुफिया एजेंसियां खंगाल रहीं नकली नोटों के सौदागरों की कुंडली : पश्चिमी बंगाल के रास्ते देश में नकली नोटों को खपाने वाले गिरोह के शातिर सदस्यों का सिजरा निकालने के लिए खुफिया एजेंसियां भी लग गई हैं। इस धंधे में अब तक पश्चिमी बंगाल के अंशुल और इनामुल मियां ही मुख्य आरोपित हैं। बताया जा रहा है कि अंशुल ही साजिशकर्ता है। वह इनामुल मियां को नकली नोटों की सप्लाई करता है। इनामुल वीरेंद्र कुमार और शानू के जरिए नकली नोट उत्तर प्रदेश में चलाने का काम कर रहा था। उसने यूपी के अलावा दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा आदि प्रदेशों में भी अपना जाल बिछा रखा है। खुफिया एजेंसियां अंशुल और उसकी टीम की माली हालत का पता लगाने में जुटी हैं। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि नोट किस तरह देश में आ रहे थे। बताया यह जा रहा है कि अंशुल के बंगलादेश के नकली नोटों के सौदागरों से तार जुड़े हैं। पाकिस्तान के जरिए बांग्लादेश के रास्ते नोट उसके पास आते हैं।

सभी आरोपितों का नेटवर्क तलाश किया जा रहा है। देश के और भी कई हिस्सों में नकली नोटों खपाने की बात सामने आ रही है, लेकिन दोनों ही जीजा-साले पहली बार नकली नोट लेकर मुरादाबाद आए थे और पेट्रोल पंप पर उनसे भुगतान करते हुए पकड़े गए।

News Category: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.