अपनों को जोड़कर अंशुल ने खड़ा किया नकली नोट खपाने का नेटवर्क

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RGA न्यूज़

ह गिरोह देश की अर्थव्यवस्था को खोखला करने में लगा रहता।

पुलस की मदद से अंशुल के कई ठिकानों पर छापामारी कर रही है। उससे जुड़े लोगों ने नकली नोट खपाने के लिए अपनों को ही जोड़कर नेटवर्क खड़ा किया। बंगाल के मालदा का अंशुल बहुत लंबे समय से नकली नोटों के धंधे में शामिल है।

मुरादाबाद, बंगाल के मालदा का अंशुल बहुत लंबे समय से नकली नोटों के धंधे में शामिल है। एटीएस उसकी तलाश कर रही। स्थानीय पुलिस की मदद से अंशुल के कई ठिकानों पर छापामारी कर रही है। उससे जुड़े लोगों ने नकली नोट खपाने के लिए अपनों को ही जोड़कर नेटवर्क खड़ा किया। मूंढापांडे में रिलायंस के पेट्रोल पंप से डीजल खरीदने आए जीजा-साला पुलिस के हाथ नहीं लगते तो यह गिरोह देश की अर्थव्यवस्था को खोखला करने में लगा रहता।

पश्चिमी बंगाल के जिला मालदा के गुलाबगंज का रहने वाले अंशुल पुलिस के बचने के लिए अपने नाम बदलता रहता है। वह सीधा मिलकर किसी को नकली नोट नहीं देता है। इसीलिए पुलिस को उसकी तलाश करने में देरी हो रही है। इनामुल मियां बंगाली उर्फ रिंकू अंशुल के ही शहर मालदा का रहने वाला है। इसलिए उसने उसे अपने गिरोह में शामिल कर दिया। रिंकू ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि वह नकली नोट भी अपने कैरियर के जरिए उनके पास भिजवा देता था। उसी के फोन से अंशुल की बात होती थी। 2017 में दिल्ली में नकली नोटों के साथ पकड़े जाने के बाद रिंकू ने भी पुलिस से बचने के लिए नाम के साथ ठिकाने बदलने शुरू कर दिए थे। वह कुछ दिन दिल्ली के थाना जामा मस्जिद इलाके में नाम बदलकर नकली नोटों को बाजार में खपाने के लिए नेटवर्क खड़ा करता रहा। तिहाड़ जेल में बंद होने के बाद नकली नोटों के धंधे को बाजार में चलाने के लिए मजबूती से प्लानिंग की गई। जेल में उसकी वीरेंद्र निवासी ग्राम भगवानपुर, थाना बिनावर, जनपद बदायूं से मुलाकात हुई। रिंकू और वीरेंद्र की दोस्ती होने के बाद यूपी के बदायूं में नकली नोटों की खेप आई। इसके बाद रिंकू ने यूपी की कमान वीरेंद्र कुमार को सौंप दी। उसने बरेली के थाना भमोरा के गांव खुलाताहरपुर के शानू को जोड़ा। शानू से वीरेन्द्र सिंह की पटियाला कोर्ट के बाहर दिल्ली में हुई। वह अपने बहनोई के मुकदमे के सिलसिले में दिल्ली जाता था। वसीम की रिश्तेदारी शानू के गांव के पास ही थी। वह रिश्तेदारी में आता था। शानू से वसीम की दोस्ती हो गई और भी नकली नोटों के धंधे में शामिल हो गया। वसीम का छोटा भाई हसीन पप्पू उर्फ फौजी के साथ मच्छरदानी का काम करता था। उसने पप्पू फौजी की मुलाकात वसीम से कराई। 

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