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RGA न्यूज़
मुजफ्फरपुर की मशहूर बेदाना लीची अब यूपी के बागों में भी अपनी मिठास फैलाएगी।
आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश के बागों में भी मुजफ्फरपुर की लीची बेदाना अपनी मिठास घोलेगी। कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार में बेदाना सहित नौ प्रजाति के लीचियों की नर्सरी विकसित कर रहा है।
गोरखपुर, बिहार के मुजफ्फरपुर की लीची बेदाना अपने स्वाद व मिठास को लेकर पूरे देश में प्रसिद्ध है। आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश के बागों में भी बेदाना अपनी घोलेगी। कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। कृषि विज्ञान केंद्र, बेलीपार में बेदाना सहित नौ प्रजाति के लीचियों की नर्सरी विकसित कर रहा है। उसका लक्ष्य है कि जुलाई 2022 तक बीस हजार लीची के पौधों को तैयार करना। उसके बाद इन पौधों को आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्व विद्यालय के माध्यम से प्रदेश के चौबीस जिलों में वितरित किया जाएगा।
लीची की विभिन्न वेराइटी को लेकर देश भर में प्रसिद्ध है मुजफ्फरपुर, बेदाना प्रजाति सर्वाधिक मशहूर
कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार को वर्ष 2020 में आम, लीची व अमरूद के लिए सेंटर फार एक्सीलेंस के रूप में चुना गया है। जुलाई 2020 में ही कृषि विज्ञान केंद्र ने लीची सेंटर मुफ्फरपुर से बेदाना, गडकी संपदा सहित नौ प्रजाति की लीची के 300 मदर प्लांट मंगाया। इन पौधों की नर्सरी तैयार की और ग्राङ्क्षफ्टग के जरिये कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार लगातार पौधों की संख्या बढ़ा रहा है। केंद्र की तैयारी है कि अगले वर्ष तक लीची के बीस हजार पौधे तैयार करना। उसके बाद इन पौधों को नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय फैजाबाद के जरिये इन पौधों को किसानों को वितरित किया जाएगा।
बेदाना के लिए यह चाहिए जलवायु
बेदाना लीची के लिए गहरी बलुई दोमट मिट्टी अत्यंत उपयुक्त होती है। 25 से 40 डिग्री तापमान में इसका बेहतर विकास होता है।
जानिए क्या है बेदाना लीची की विशेषज्ञता
कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार के प्रभारी डा.एसके तोमर का कहना है कि बेदाना लीची बेदाना लीची के बीज छोटे और दाना भारी होता है। यह देखने में भी सुंदर दिखती है। अन्य लीची की अपेक्षा यह अधिक मीठी व स्वादिष्ट होती है। इसके चलते इसकी मांग अधिक रहती है। इसका उत्पादन भी अधिक होता है।