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RGA न्यूज़
सदर तहसील के मुख्य गेट पर चढ़कर प्रदर्शन करते सपा कार्यकर्ता,
निवर्तमान जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता दिन में 12 बजे के आसपास सदर तहसील के गेट पर पहुंचे। इससे पहले ही तहसील परिसर में बड़ी संख्या पुलिस तैनात कर दी गई थी।
गोरखपुर, जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुखों चुनाव में कथित धांधली के विरोध में प्रदर्शन करने जा रहे सपाइयों को पुलिस ने सदर तहसील के अंदर घुसने ही नहीं दिया। इसको लेखर सपाइयों ने गेट पर जम कर हंगामा किया। इस दौरान सरकार और महंगाई के विरोध में नारेबाजी भी की। काफी देर तक चले हंगामे के बाद सदर तहसीलदार ज्ञापन लेने पहुंचे तब जाकर सपाई शांत हुए। राष्ट्रपति को संबोधित 16 सूत्री ज्ञापन सपाइयों ने ज्ञापन सौंपा है।
मुख्य गेट पर पहुंचे सपा कार्यकर्ता
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने चुनावों में कथित धाधली सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं को तहसील मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने का निर्देश दिया था। निवर्तमान जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता दिन में 12 बजे के आसपास सदर तहसील के गेट पर पहुंचे। इससे पहले ही तहसील परिसर में बड़ी संख्या पुलिस तैनात कर दी गई थी। मुख्य गेट को बंद कर दिया गया था। गेट पर पहुंचते ही सपा नेताओं नारेबाजी शुरू कर दी। इस बीच कुछ कार्यकर्ता गेट पर चढ़ गए थे लेकिन पुलिस की सख्ती की वजह से उनकी एक न चल पाई। काफी देर तक चले हंगामे के बाद निवर्तमान जिलाध्यक्ष के साथ कुछ सपा नेताओं ने ही ज्ञापन दिया।
रष्ट्रपति को संबोधित सौंपा ज्ञापन
राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में चुनावों में हुई धांधली की जांच कराने के साथ ही कृषि कानून वापस लेने, किसनों को कृषि उपज का उचित मूल्य देने, गन्ना बकाए का भुगतान करने, प्रदेश की कानून व्यवस्था पटरी पर लाने.सहित 16 मिंगे की गई हैं। प्रदर्शन में सपा के सभी प्रमुख नेता मौजूद थे। ग्रामीण इलाकों में भी सपा नेताओं ने विधानसभा अध्यक्षों के नेतृत्व में तहसील मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया।
सपाइयों की तरफ से दिए गए ज्ञापन में किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य देने, प्रदेश में किसानों का गन्ने का बकाया भुगतान करने, कृषि कानून वापस करने, बढ़ती मंहगाई (डीजल-पेट्रोल, रसोई गैस, खाद, बीज, कीट नाशक दवाएं, कृषि यंत्र इत्यादि) पर रोक लगाने, बेरोजगार नौजवानों को रोजगार देने, उत्तर प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था को दुरूस्त करने, महिलाओं के साथ हो रहे अपराध पर रोक लगाने, समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के ऊपर फर्जी मुकदमें दर्ज वापस लेने, उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा किए जा रहे संगठित अपराध को अविलम्ब बंद करने, उत्तर प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को तत्काल दुरूस्त करने, बढ़ते भ्रष्टाचार पर रोक लगाने, कोरोना काल में सरकार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच कराने, जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में हुई धांधली एवं हिंसा की जांच कराने, दलित वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग पर हो रहे अत्याचार बंद करने और पिछड़े वर्ग को अनुमन्य 27 प्रतिशत आरक्षण में कटौती बंद करने की मांग की गई है।