RGA न्यूज़
कृषि राजस्व व फसल बीमा कंपनी के लोग जिले में धान के नुकसान का सर्वे कर रहे हैं। तीनों की अब तक की छानबीन में ज्ञात हुआ है कि जिले में अब तक करीब 12 हजार हेक्टेयर धान की फसल बाढ़ में बर्बाद हो चुकी है
गोरखपुर में बाढ़ में धान की हजारों हेक्टेयर फसल डूब गई।
गोरखपुर, गोरखपुर जिले में 125 करोड़ की फसल बाढ़ निगल चुकी है। अभी सर्वे जारी है। यह नुकसान अभी और बढ़ने की आशंका है। कृषि, राजस्व विभाग व फसल बीमा कंपनी अभी भी नुकसान को लेकर सर्वे करने में जुटे हैं।
कृषि विभाग व फसल बीमा कंपनी के लोग कर रहे सर्वे
बता दें पिछले दस दिनों से कृषि, राजस्व व फसल बीमा कंपनी के लोग जिले में धान के नुकसान का सर्वे कर रहे हैं। तीनों की अब तक की छानबीन में ज्ञात हुआ है कि जिले में अब तक करीब 12 हजार हेक्टेयर धान की फसल बाढ़ में बर्बाद हो चुकी है। कृषि विभाग का मानना है कि अभी पूरी क्षति का आंकलन नहीं हो सका है। सर्वे का कार्य अभी जारी है। ऐसे में यह नुकसान अभी और हो सकता है। विभाग का कहना है कि सर्वे पूरा होने के बाद रिपोर्ट दी जाएगी। उसके बाद ही किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा। आमतौर पर एक हेक्टेयर खेत में 55 से 60 क्विंटल धान की पैदावार होती है। इसे यदि 55 क्विंटल मान लिया जाए तो 12 हजार हेक्टेयर खेत से 66000 टन धान की पैदावार होती है। 19 सौ रुपये क्विंटल की दर से इस धान का मूल्य 125 करोड़ रुपये हुआ।
डोमिनगढ़ की गीता कहना है कि उसने तीन बीघे खेत किराए पर लिया था, लेकिन बाढ़ में पूरी फसल स्वाहा हो गई।
पीपीगंज के डाढ़ाडीह निवासी धर्मेंद्र कुमार का कहना है कि उसने मानीराम के पास दो बीघे खेत लीज पर लिया था। बाढ़ के चलते पूरी फसल खत्म हो गई। उप निदेशक कृषि डा.संजय सिंह का कहना है कि इस बार प्रकृति ने किसानों का भारी नुकसान किया है। नुकसान का सर्वे किया जा रहा है। अब तक 12 हजार हेक्टेयर फसल नुकसान की बात सामने आई है। सर्वे जारी है। यह आंकड़ा बढ़ भी बढ़कता है।
एक हेक्टेयर पर सिर्फ 66 हजार का मुआवजा
एक हेक्टेयर में भले 55 क्विंटल धान की पैदावार हो, लेकिन फसल बीमा कंपनी किसान को सिर्फ 66310 रुपये का ही मुआवजा देती है। ऐसे में यदि 12 हजार हेक्टेयर का नुकसान मान लिया जाए तो किसानों को 79.5 करोड़ से अधिक का मुआवजा नहीं मिल सकेगा।