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विधानसभा क्षेत्रों में निष्क्रिय रहने वाले माननीयों के टिकट भी बदलने पड़े तो बदल दिए जाएंगे। अब तक की स्क्रीनिंग में पश्चिमी यूपी के कई माननीय इस दायरे में आ गए हैं। इसलिए उनके टिकट को लेकर स्थिति साफ नहीं है
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता किरणमय नंदा सच परखने के लिए आएंगे।
मुरादाबाद, यूपी में चुनावी बिगुल बज चुका है। पश्चिमी यूपी में समाजवादी पार्टी ने ज्यादातर विधानसभा सीटों का सर्वे करा लिया है। जिन सीटों पर प्रत्याशियों की स्थिति कमजोर है, उन्हें क्षेत्र में काम करने के लिए कह दिया गया है। संभावित प्रत्याशियों को यह भी अहसास करा दिया गया है कि पार्टी कोई जोखिम नहीं उठाएगी। विधानसभा क्षेत्रों में निष्क्रिय रहने वाले माननीयों के टिकट भी बदलने पड़े तो बदल दिए जाएंगे। अब तक की स्क्रीनिंग में पश्चिमी यूपी के कई माननीय इस दायरे में आ गए हैं। इसलिए उनके टिकट को लेकर स्थिति साफ नहीं है।
लखीमपुर खीरी की घटना के बाद उत्तर प्रदेश में सियासी दलों ने जिस तरह सक्रियता दिखाई है, उससे सियासी माहौल गरमाता जा रहा है। पश्चिमी यूपी में मुरादाबाद मंडल को समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है। यहां मोदी लहर में चुनाव जीतकर सपा के माननीयों ने किसी तरह पार्टी की इज्जत तो बचा ली। लेकिन, अपने क्षेत्र में कोई कमाल नहीं करा पाए। सत्ता में न होने का रोना ही रोते रहे। इसलिए तमाम विरोधी तैयार हो गए। कई विधानसभाओं में युवाओं ने नेतागीरी का बीड़ा उठाकर ऊपर तक पकड़ बना ली है। एक-दो विधानसभा सीटें ऐसी भी हैं, जहां माननीयों का बिरादरी का समीकरण ठीक नहीं बैठ रहा है। पार्टी के मुखिया कुछ माननीयों की कारगुजारी से बेहद खफा हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुखों के चुनाव में कई माननीयों ने पार्टी की फजीहत कराई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा प्रदेश के हर जनपद में जा रहे हैं। पूर्वांचल से उनके दौरे का कार्यक्रम शुरू होगा। इसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों की विधानसभा में जाकर पार्टी की स्थिति का पता करेंगे। माननीयों और उनसे नाराज नेताओं से मिलकर पूरी जानकारी लेंगे। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपनी राय देंगे। इसके बाद ही टिकट पर अंतिम मुहर लगेगी।
मुरादाबाद मंडल में भी बदले जा सकते हैं टिकट : मुरादाबाद मंडल के दो विधानसभा सीटों पर माननीयों के टिकट बदले जाने को लेकर चर्चाएं हैं। लेकिन, पार्टी के जिम्मेदार नेताओं का कहना है कि कुछ कहा नहीं जा सकता है। सपा मुखिया अखिलेश यादव की हर विधानसभा के दावेदारों पर कड़ी नजर है। गलत बयानबाजी करके कई नेताओं ने पार्टी की फजीहत कराई है, यह बात भी किसी से छिपी नहीं रही है। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में सपा की मदद से जिला पंचायत सदस्य बने नेता भी बिक गए। ऐसे लोगों पर भी पार्टी की रडार पर हैं। विधानसभा चुनाव की वजह से किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। लेकिन, सपा सत्ता में आई तो ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी तय मानी जा रही है।