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RGA न्यूज़
डाक्टर की लापरवाही से मरीज की मौत के मामले में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग उपभोक्ता के पक्ष में निर्णय दिया है। आयोग ने डाक्टर के विरुद्ध तीन लाख रुपया व्यक्तिगत रूप से भुगतान करने तथा शेष नौ लाख रुपया सीएमओ के माध्यम से भुगतान का आदेश दिया है।
मरीज की मौत के मामले में न्यायालय ने डाक्टर पर जुर्माना लगाया है।
गोरखपुर, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश अस्थाना एवं सदस्य कृष्णा नंद मिश्र ने चिकित्सा में कमी के कारण मृत्यु होने पर उपभोक्ता के पक्ष में निर्णय दिया है। आयोग ने जिला महिला चिकित्सालय की डाक्टर नीना त्रिपाठी के विरुद्ध तीन लाख रुपया व्यक्तिगत रूप से भुगतान करने तथा शेष नौ लाख रुपया जिला महिला चिकित्सालय के खिलाफ मुख्य चिकित्साधिकारी के माध्यम से भुगतान का आदेश दिया हैं
छ: फीसद वार्षिक ब्याज की दर से दो माह के अंदर देनी होगी राशि
डाक्टर नीना त्रिपाठी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी के उत्तर प्रदेश सरकार के नियंत्रण में कार्य करते हुए अपने कर्तव्य की उपेक्षा किए जाने के परिणाम स्वरूप घटना घटित होने के कारण उक्त धनराशि जिलाधिकारी के माध्यम से 11 अगस्त 2018 से छ: फीसद वार्षिक ब्याज की दर से दो माह के अंदर आयोग के खाते में जमा करना होगा। दो माह की अवधि के पश्चात भुगतान करने की स्थिति में विपक्षीगण को नौ फीसद ब्याज देना होगा।
यह है मामला
आयोग के समक्ष पिपराइच थाना क्षेत्र के ग्राम मठिया कुसुम्ही बाजार निवासी परिवादी सुधाकर गुप्ता का कहना था कि उसने अपनी पत्नी ममता देवी का गर्भ ठहरने का अहसास होने पर 26 मार्च 2018 को जिला महिला अस्पताल में परीक्षण कराया। जिसपर अल्ट्रासाउंड कराया गया और गर्भ होने पर समय समय पर टीकाकरण व जांच कराने की सलाह दी गई। 5 सितम्बर 2018 को परिवादी द्वारा अपनी पत्नी को डाक्टर नीना त्रिपाठी को दिखाने परआपरेशन करने की बात कही गई। आपरेशन के बाद डाक्टर घबराई हुई बाहर आई और बताई कि लड़का हुआ है। कोई दिक्कत होने पर मुझे ही सूचना दे कहीं और दिखाया तो मेरी जिम्मेदारी नहीं होगी।
डाक्टरों की उपेक्षा से गई जान
उसी दिन 4 बजे जब परिवादी की मां उसकी पत्नी को उठाने का प्रयास की तो वह पूरी तरह खून से लथपथ थी। इसकी जानकारी डाक्टर को देने पर उनके द्वारा उपेक्षापूर्ण व्यवहार किया गया और परिवादी की पत्नी को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। 8 सितम्बर 2018 को उसकी मृत्यु हो गई।