भाभी जी घर पर हैं सीरियल के लेखक मनोज संतोषी ने बताया, सक्‍सेना जी थप्‍पड़ खाकर क्‍यों रहते हैं खामोश

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Bhabhi Ji Ghar Par Hai Serial भाभी जी घर पर हैं सीर‍ियल के सभी क‍िरदार लोगों के द‍िल और द‍िमाग में पूरी तरह से उतर चुके हैं यही वजह है क‍ि इस सीरियल से जुड़ी बातें जानने को लेकर काफर उत्‍सुक रहते हैं

भाभी जी घर पर हैं सीरियल के लेखक मनोज संतोषी ने बता

मुरादाबाद।भाभी जी घर पर हैं सीर‍ियल से सभी को गुदगुदाने वाले धारावाह‍िक के लेखक मनोज संतोषी ने बेबाकी के साथ लोगों के सवालों का जवाब दिया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हर दिल में विभूति नारायण हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ब्रज के अगल-बगल की जुबान है। हप्पू का पात्र हमारे गांव के ही एक दारोगा जी का है। वह खाकी शर्ट में लुंगी पहनकर निकल जाते थे। उस किरदार को लोग पसंद करते हैं। किरदारों से पता लग जाता है कि किस क्षेत्र की भाषा है। परिवार के साथ हंसी-मजाक वाले सीरियल लोग 

मिडटाउन क्लब में सभागार में जागरण व‍िमर्श कार्यक्रम में सत्र संचालक बरेली-मुरादाबाद यूनिट के संपादकीय प्रभारी अवधेश माहेश्वरी ने मुख्य अतिथि भाभी जी घर पर हैं के लेखक मनोज संतोष का स्वागत किया। इसके बाद उन्हें तुलसी का पौधा देकर सम्मानित भी किया। इस अवसर पर सबसे पहले सवाल हुआ कि भाभी जी घर पर हैं के सक्सेना जी का किरदार कैसे तैयार किया गया। लेखक मनोज संतोषी ने बताया कि यह एक क्रैक किरदार है। थप्पड़ खाने के बाद भी आइ लाइक इट कहते हैं। जयप्रकाश चौकसे ने सक्सेना का विवरण लिखा था। थप्पड़ खाने के बाद जैसे वह कहता है कि आइ लाइक इट। वैसे ही हमारी जनता है। कुछ भी हो जाए कुछ नहीं बोलती। दूसरे सवाल के जवाब में उन्होंंने कहा कि भाभी जी घर पर हैं सीरियल महिला प्रधान है। इसके अलावा में आई कमिंग मैडम आदि सीरियलों में पुरुष ही मजाक का पात्र बने हैं। नैपाल सिंह पाल के सवाल पर बताया कि अभी भाभी जी को लेकर कोई सीरियल नहीं बना था। इस वजह से यह सीरियल बनाया गया है। लोगों को हंसने का मौका मिल जाता है। शुभम कश्यप के सवाल पर कहा कि हमारा काम लोगों का मनोरंजन करना है। हंसा सकते हैं। गलत उदाहरण पेश नहीं करेंगे। लंबी किस्तों के सीरियल आ रहे हैं। पटकथा से बांधे रखने वाले सवाल पर बोले अब सब कार्मशियल हो गए हैं। अब दिल से कुछ नहीं किया जाता है। अच्छे सीरियल का लोग इंतजार कर रहे हैं। सीरियल में अंगूरी भाभी का सही पकड़ें हैं तकिया कलाम कहां से लिया। इसके जवाब में बोले कि सही पकड़े हैं। एक जुमला है। इसी को भाभी जी का तकिया कलाम बना दिया। इसके अलावा भी अन्य सवालों का जवाब दिया। इसके बाद कोविड एल-टू प्रभारी डा. संजीव बेलवाल को उत्कृष्ट सेवाएं देने के लिए स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। 

 

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