जब गोरखपुर आए जनरल बिपिन रावत, रीयल हीरो की एक झलक पाने घंटो लाइन में लगे थे लोग

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CDS Bipin Rawat Death सीडीएस बनने के बाद जनरल रावत एक साल पहले दो दिवसीय यात्र पर गोरखपुर आए थे और गोरखनाथ मंदिर पहुंचकर गुरु गोरखनाथ का दर्शन कर आशीर्वाद लिया था। अगले दिन महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए 

जनरल बिप‍िन रावत एक कार्य्कम में भाग लेने गोरखपुर आए थे। - फाइल फोटो

गोरखपुर, । चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत का हेलीकाप्टर क्रैश होने की सूचना ने सभी को झकझोर दिया है। यह सूचना आने के साथ ही गोरखपुरवासियों की जनरल रावत से जुड़ी स्मृतियां ताजा हो गईं। सीडीएस बनने के बाद जनरल रावत एक साल पहले दो दिवसीय यात्र पर गोरखपुर आए थे और गोरखनाथ मंदिर पहुंचकर गुरु गोरखनाथ का दर्शन कर आशीर्वाद लिया था। अगले दिन महाराणा प्रताप इंटर कालेज के मैदान में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए थे और बच्चों को देश की संस्कृति से जुड़े रहने का संदेश दिया था। उन्होंने आगंतुक रजिस्टर पर टिप्पणी दर्ज कर संस्थापक सप्ताह समारोह की सराहना करते हुए बच्चों को उज्जवल भविष्य की शुभकामना भी दी थी। इस साल का संस्थापक समारोह अभी चल ही रहा है। इसी बीच आई उनके निधन की सूचना से सभी स्तब्ध ह

महराणा प्रताप संस्थापक सप्ताह समारोह में हुए थे शाम‍िल

जनरल बिपिन रावत तीन दिसंबर 2020 को दोपहर बाद 3.15 बजे गोरखपुर पहुंचे थे। एयरफोर्स परिसर से निकलने के बाद वह कूड़ाघाट स्थित जीआरडी परिसर गए थे और वहां करीब एक घंटे तक रहे। शाम को वह गोरखनाथ मंदिर पहुंचे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें गुरु गोरखनाथ का दर्शन कराया था और मुख्यमंत्री के साथ उन्होंने पूरे मंदिर परिसर का भ्रमण भी किया था। अगले दिन जनरल रावत एमपी इंटर कालेज में आयोजित संस्थापक सप्ताह समारोह की शोभायात्र एवं उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। बच्चों को संबोधित करते हुए उन्होंने एक कविता के माध्यम से असफलता को चुनौती बताते हुए उसे स्वीकार करने और कमियों का पता लगाकर उसे दूर करने का संदेश दिया था

बच्‍चों को बताया था, कैसे होगी देश की उन्‍नत‍ि

बच्चों को देश के प्रति उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराते हुए जनरल रावत ने कहा था कि विद्यार्थियों की उन्नति पर ही निर्भर करेगा कि देश की उन्नति कैसे होगी। बच्चों को सफलता का मंत्र बताते हुए कहा था कि यदि तारों तक पहुंचने की कोशिश करोगे तो चांद तक जरूर पहुंच पाओगे। सफलता के लिए मेहनत अनिवार्य है। अपनी संस्कृति के महत्व को समझाते हुए जनरल ने कहा था कि कई वर्षों तक विदेशियों का कब्जा रहने के कारण हमारे देश की असली संस्कृति में बदलाव आया है। उन्होंने कहा था कि अब समय है अपनी पहचान को दोबारा वापस लाने का। उन्होंने बच्चों से कहा था कि सोच ऊंची रखने से ही देश ऊंचाइयों पर जाएगा। संस्थापक सप्ताह समारोह में उन्होंने आगंतुक रजिस्टर पर टिप्पणी दर्ज करते हुए कार्यक्रम की सराहना करते हुए बच्चों को उज्जवल भविष्य की शुभकामना दी थी

देश के पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत एवं सैन्य अधिकारियों का हेलीकाप्टर क्रैश में निधन देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है। जनरल रावत के निधन से देश ने सैन्य सुधारों के एक अग्रणी प्रशासक को खो दिया है। 42 वर्ष की गौरवशाली सैन्य सेवा, एक चुनौतीपूर्ण समय में तीन वर्ष तक थल सेनाध्यक्ष और पिछले दो वर्ष से देश के पहले सीडीएस के रूप में उनका योगदान उपलब्धियों से भरा हुआ था। नए समय की नई चुनौतियों के बीच सर्जिकल स्ट्राइक, कश्मीर के आपरेशन आल आउट, सैन्य आधुनिकीकरण जैसे महत्वपूर्ण बदलाव में उनकी भूमिका अहम थी। रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया और खास तौर पर थिएटर कमांड स्थापित करने की प्रक्रिया के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। उन्हें शत शत श्रद्धांजलि।

जनरल बिपिन रावत ने कई सैन्य अभियानों का नेतृत्व कर देश को सफलता दिलाई थी और पूरे हिन्‍दुस्‍तान के नागरिकों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया था। उन्होंने सेना के तीनों अंगों में बेहतर सामंजस्य बनाकर हर मोर्चे पर सेना को सशक्त बनाया। हमने भारत माता का एक सच्चा सपूत खो दिया, इसकी भरपाई संभव नहीं है। -

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