शरद यादव से मिले उपेंद्र कुशवाहा, एनडीए छोड़ने की अटकलें तेज

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 RGA News

आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी उपेक्षा देखते हुए राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा दूसरे विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। इसी क्रम में वह सोमवार को शरद यादव से भी मिले। कहा जा रहा है कि कुशवाहा जल्द ही कोई बड़ा कदम उठा सकते है।

बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीटों की साझेदारी में उपेक्षा से नाराज राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) प्रमुख और केंद्रीय मंlत्री उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को लोकतांत्रिक जनता दल के अध्यक्ष शरद यादव से मुलाकात कर बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन से अलग होने के संकेत दिए। कुशवाहा की पार्टी से जुड़े लोगों के मुताबिक, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया था लेकिन उन्होंने मिलने का समय नहीं दिया। 

शरद यादव-कुशवाहा मिलन से एक दिन पहले, रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार और आरएलएसपी प्रमुख के बीच जुबानी जंग इस स्तर तक बढ़ गई कि उन्होंने नीतीश पर आरएलएसपी विधायकों को तोड़ने का आरोप लगा दिया। बिहार में ताजा राजनीतिक घटनाक्रम से एक पखवाड़ा पहले बीजेपी और जेडीयू ने घोषणा की थी कि प्रदेश में लोकसभा चुनाव में दोनों दलों के बीच बराबर की सीट साझेदारी रहेगी। उसी समय से अटकलें तेज हो गई थीं कि आरएलएसपी एनडीए से अलग हो सकती है। 

कुशवाहा के सूत्रो के जरिए कहा कि शरद यादव से उनकी मुलाकात एक ‘शिष्टाचारिक भेंट’ थी। लेकिन इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि दोनों नेताओं के बीच बिहार के ताजा राजनीतिक हालात पर बातचीत हुई होगी। कुशवाहा इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। आरएलएसपी के दो विधायकों के जेडीयू में शामिल कराए जाने की तैयारी की खबरों के बीच कुशवाहा ने रविवार को कहा था, ‘नीतीश कुमार को दूसरी पार्टी के विधायकों को तोड़ने में महारत हासिल है।' 

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आरएलएसपी विधायक सुधांशु शेखर (मधुबनी जिला स्थित हरलाखी से विधायक) और ललन पासवान (रोहतास जिला स्थित चेनारी से विधायक) को प्रदेश सरकार में मंत्री पद की पेशकश की गई है। आरएलएसपी सूत्रों ने बताया कि कुशवाहा के साथ बीजेपी जिस तरह का व्यवहार कर रही है, उससे वह खुश नहीं हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2014 में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने से पहले ही उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया था। पार्टी सूत्रों ने कहा कि बीजेपी नीतीश कुमार को ज्यादा अहमियत दे रही है जबकि उन्होंने मोदी को बीजेपी का प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने पर एनडीए से पल्ला झाड़ लिया था।

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