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मौसम के साथ न देने के कारण कुशीनगर के सेवरही मिल परिक्षेत्र के लगभग 25 फीसद गन्ना खेतों में खड़ा ही सूख गया। समय से पर्ची (मैसेज) न मिलने व खेत खाली करने के तेजी में किसान आनन-फानन क्रशर पर गन्ना बेचने को विवश है।
भलुअनी गन्ना क्रय केंद्र पर पांच दिनों खड़ी किसानों की गन्ना लदी ट्राली
गोरखपुर, मौसम के साथ न देने के कारण कुशीनगर के सेवरही मिल परिक्षेत्र के लगभग 25 फीसद गन्ना खेतों में खड़ा ही सूख गया। समय से पर्ची (मैसेज) न मिलने व खेत खाली करने के तेजी में किसान आनन-फानन क्रशर पर गन्ना बेचने को विवश है। क्रशर मालिक रोज नया रेट निर्धारित कर औने-पौने दामों पर गन्ना खरीद रहे हैं। इससे किसानों को दोहरा नुकसान हो रहा है।
क्या कहते हैं किसान
धर्मपुर पर्वत निवासी गन्ना किसान रमेश सिंह ने कहा कि जनप्रतिनिधि व सरकारी महकमा खुली आंखों से क्रशर पर किसान को लूटते व बर्बाद होते देख रहे है किंतु सभी मौन धारण किए हुए हैं। वहीं गन्ना किसान अभय राज सिंह ने कहा कि चालू पेराई सत्र में अब तक सामान्य प्रजाति की आपूर्ति के लिए पर्चा जारी नहीं हुई। किसान क्रशर पर गन्ना गिराने को मजबूर हैं
सप्लाई टिकट जारी करने की नीति दोषपूर्ण
किसान बीरबहादुर कुशवाहा ने सिर्फ अगेती प्रजाति के गन्ना के लिए सप्लाई टिकट जारी करने की नीति को दोषपूर्ण व गन्ना प्रशासन को किसानों का विरोधी बताया। किसान गोविन्द राज सिंह ने कहा कि क्रशर मालिक मनमानी माप तौल व मनमाने भाव पर गन्ना खरीद रहे हैं, सरकार यदि कुछ नहीं कर सकती तो क्रशर पर ही गन्ने का मूल्य निर्धारित कर दें ताकि गन्ने का उचित मूल्य मिल सके।
प्राथमिकता के आधार पर बनाई जाएगी पर्ची
मुख्य विकास अधिकारी वेद प्रकाश सिंह ने कहा कि जिन किसानों का गन्ना खेतों में सूख रहा है उनके लिए प्राथमिकता के आधार पर पर्ची की व्यवस्था बनाई जा रही है। किसानों की समस्याओं का समाधानठ दिसंबर तक आपूर्ति किए गए गन्ना मूल्य का हुआ भुगतान
दी यूपी चीनी मिल के अधिशासी निदेशक जेएस जादौन ने बताया कि चीनी मिल द्वारा आठ दिसंबर तक का गन्ना मूल्य भुगतान किसानों के खाते में भेज दिया गया है। आगे भी चीनी मिल त्वरित मूल्य भुगतान के लिए प्रयासरत है। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक चीनी मिल 8.64 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई कर चुकी है। गन्ना महाप्रबंधक डा. प्रमोद कुमार ने किसानों से अनुरोध किया कि वे पर्ची का एसएमएस प्राप्त होने के बाद ही गन्ने की छिलाई करें क्योंकि कई दिन से कटे हुए बासी गन्ने की आपूर्ति करने से उसका वजन घटता है। इससे किसानों की क्षति होने के साथ चीनी परता भी घटने की संभावना बनी रहती है। अतएव किसान ताजा व साफ सुथरा गन्ना की आपूर्ति करें।