गन्ने में आया फूल, किसानों की बढ़ाई मुसीबत- उठाना पड़ सकता है भारी नुकसान

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RGA न्यूज़

बस्‍ती जिले के मुंडेरवा क्षेत्र में दस गांवों मेें गन्ने के खेतों में समय से पहले ही फूल निकल आए हैं। जिसके चलते गन्ने का विकास थम जाने व वजन में कमी आने की चिंता किसानों को सताने लगी है। किसानों के साथ ही चीनी मिल को नुकसान उठाना पड़ेगा।

गन्ने में आया फूल, किसानों की बढ़ाई मुसीबत- उठाना पड़ सकता है भारी नुकसान। 

गोरखपुर, बस्‍ती जिले के मुंडेरवा क्षेत्र में दस गांवों मेें गन्ने के खेतों में समय से पहले ही फूल निकल आए हैं। जिसके चलते गन्ने का विकास थम जाने व वजन में कमी आने की चिंता किसानों को सताने लगी है। इसका नुकसान किसानों के साथ ही चीनी मिल को उठाना पड़ेगा।

किसानों के लिए मुसीबत बन जाते हैं गन्‍ने में आने वाले फूल

आमतौर पर किसी पौधे में फूल आना अच्छा माना जाता है, पर गन्ने के साथ ऐसा नहीं है। हालांकि गन्ने में प्रजनन के लिए फूल बेहद जरूरी हैं, पर यही फूल यदि समय से पहले आ जाएं तो मुसीबत बन जाते हैं। फूल आने के कारण वजन में कमी तथा एक निश्चित समय बाद गन्ने में चीनी की मात्रा कम होने लगती है। इस बार दिसंबर में मौसम की बेरुखी से बस्ती जिले में कई स्थानों पर ऐसा देखा जा रहा था और

अस्‍वीकृत प्रजाति के गन्‍ने में जल्‍दी आ जाता है फूल

चीनी मिल मुंडेरवा प्रबंधन के मुताबिक आमतौर पर अस्वीकृत प्रजाति के साथ-साथ सीओएलके 94184 गन्ने में ही समय से पहले फूल आने की शिकायत है। जिसे चिन्हित कर इन प्रजातियों के गन्ने की आगे बोआई न करने की सलाह दी जा रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक गन्ने में फूल चीनी उत्पादन के लिहाज से तभी फायदेमंद हैं जब वह अपने समय से आएं। बहरहाल ऐसी स्थिति देखते हुए चीनी मिल मुंडेरवा की कार्यदायी संस्था एलएसएस ने ऐसे गन्ने की बोआई करने वाले किसानों को चिन्हित करने में लगी है।

कम हो जाता है वजन, कम पड़ता है चीनी का परता

गन्ना सलाहकार एसपी मिश्र ने कहा कि गन्ने में समय से पहले फूल हो जाने से वजन के साथ-साथ धीरे-धीरे शर्करा कम होने लगती है। सामान्यतया गन्ने की कटाई अप्रैल तक होती है, लेकिन जिस गन्ने में फूल आ चुके हैं, उनकी कटाई फरवरी तक ही कर लेनी चाहिए। विशेषज्ञों के मुताबिक समय से फूल आने की वजह प्रकाश व अंधकार की अवधि, तापक्रम, खेत में नमी, गन्ने की आयु तथा देर से वर्षा का आना आदि हैं। जल प्लावित वाले क्षेत्रों में भी गन्ने में फूल पहले आता है। गन्ने में अक्टूबर से मार्च तक चीनी परता में वृद्धि होती है। यह तब है जब मौसम सामान्य रहे और फूल अपने समय से आएं। चीनी परता मौसम के अनुकूल होने पर निर्भर करता है।

गन्‍ने की यह प्रजातियां हैं अस्‍वीकृत

गन्ने की अस्वीकृत प्रजाति सीओपी 9302, सीओ 0233, बीओ 150, बीओ 124 एवं सीओएलके 94184 में सर्वाधिक समय से पहले फूल आने की शिकायत है। ऐसे में इन प्रजाति के गन्ने की हर हाल में किसान बुवाई न करें। किसानों के उत्पादन एवं चीनी मिल को भी इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है I चीनी मिल मुंडेरवा के प्रधान प्रबंधक ब्रजेंद्र द्विवेदी ने कहा कि गन्ने में फूल आने से इनका बढ़ाव नहीं हो पायेगा। इसका वजन घट जाने से किसानों को व चीनी की परता न आने से मिल को नुकसान उठाना पड़ता है। कर्मचारियों को इसको लेकर निर्देशित किया गया है कि किसानों से संपर्क कर उन्हें अस्वीकृत प्रजाति के गन्ने की बोआई न करने के लिए प्रेरित करें। तथा उनके द्वारा आपूर्ति की गयी गन्ने के एवज में बीज उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे I

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