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RGA न्यूज़
घर के स्मार्ट फोन में साझेदारी होना और खुद का स्मार्ट फोन होने में क्या फर्क होता है इसका अहसास 30 दिसंबर को उन युवाओं के चेहरे की खुशी देकर आसानी से किया जा सकता था जिन्हें सरकार की ओर से यह फोन मिला।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों मोबाइल तथा टैबलेट मिलने के बाद खुश लाभार्थी छात्र
गोरखपुर, घर के स्मार्ट फोन में साझेदारी होना और खुद का स्मार्ट फोन होने में क्या फर्क होता है, इसका अहसास 30 दिसंबर को उन युवाओं के चेहरे की खुशी देकर आसानी से किया जा सकता था, जिन्हें सरकार की ओर से यह फोन मिला। एक स्वर से सभी युवाओं ने कहा कि अब वह अपने फोन पर स्मार्ट क्लास कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें घर के लोगों से फोन नहीं मांगना पड़ेगा। स्मार्ट फोन पाने वाले युवाओं ने इसे लेकर मुख्यमंत्री जमकर सराहन
क्या बोले छात्र
मेरे पास अपना फोन नहीं था। इंटरनेट से जुड़ा कोई कार्य करने के लिए घर के किसी व्यक्ति का फोन मांगना पड़ता था। अब इससे निजात मिल गई। अब तो मैं अपने फोन पर ही क्लास कर सकूंगी।
अंशिका पांडेय, बीएससी तृतीय वर्ष
विश्वास नहीं हो रहा कि मुफ्त में स्मार्ट फोन मिल गया है। सब महाराज जी की कृपा है, जिन्होंने हम युवाओं के बारे से सोचा। यह स्मार्ट फोन मेरी पढ़ाई में बहुत काम आएगा। आज बहुत खुश हूं।
धीरज शर्मा, बीएड द्वितीय वर्ष
कभी ऐसा सोचा भी नहीं था कि सरकार हमें मुफ्त में स्मार्ट फोन देगी। कोरोना काल जब स्मार्ट क्लास चल रही थी, तो स्मार्ट फोन की उपयोगिता समझ में आई। अब तो मेरे पास भी फोन हो गया।
गुडिय़ा गौड़, बीएससी तृतीय वर्ष
फोन के लिए हम आवेदन कर रहे थे तो भी इस बात का भरोसा नहीं था कि मुफ्त में स्मार्ट फोन मिल जाएगा। अब जब हाथ में आया तो भी भरोसा नहीं हो रहा। सब महाराज जी की कृपा से हुआ है।
राज् विवि अलीगढ़ के पहले कुलपति बने प्रो. चंद्रशेखर
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के विधि संकाय के अध्यध्यक्ष और विभागाध्यक्ष प्रो. चन्द्रशेखर को राज्य सरकार ने राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, अलीगढ़ का पहला कुलपति बनाया है। सरकार के इस निर्णय पर कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने भी अपनी स्वीकृति दे दी है। जौनपुर के श्रीपालपुर गांव के रहने वाले प्रो. चंद्रशेखर वर्ष 1998 में गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रवक्ता के पद पर नियुक्त हुए थे।
विश्वविद्यालय में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर साबित कर चुके हैं योग्यता
विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रशासनिक पदों पर अपनी योग्यता सिद्ध् करने के बाद डेढ़ वर्ष पहले उन्होंने विधि विभाग के संकायाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली। उनके एक दर्जन से अधिक शोध-पत्र विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। प्रो. चन्द्रशेखर को कुलपति बनाए जाने पर विश्वविद्यालय के प्रो. जितेंद्र मिश्र, प्रो. नसीम अहमद, प्रो. अजय कुमार शुक्ला, प्रो. एसके सिंह, प्रो. उमेशनाथ त्रिपाठी, प्रो. संगीता पाण्डेय, प्रो. शुभी धुसिया, प्रो. शीतला प्रसाद सिंह, प्रो. हर्ष सिन्हा, प्रो. शरद मिश्रा, प्रो. आलोक गोयल, प्रो. शोभा गौड़ आदि शिक्षकों ने बधाई दी है।