![Praveen Upadhayay's picture Praveen Upadhayay's picture](https://bareilly.rganews.com/sites/bareilly.rganews.com/files/styles/thumbnail/public/pictures/picture-4-1546617863.jpg?itok=SmNXTJXo)
RGA News दिल्ली संवाददाता
जलवायु परिवर्तन के कारण देश में पिछले चार सालों के दौरान प्रभावित होने वालों की संख्या में 200 फीसदी से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। एक दिन पूर्व जारी लांसेट की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि गर्मी बढ़ने और तबाही की अन्य घटनाओं के कारण यह असर पड़ा है। रिपोर्ट का विश्लेषण करते हुए दिल्ली की संस्था ‘क्लाईमेट ट्रेंड’ ने कहा कि यह चिंताजनक है कि जलवायु परिवर्तन की मार सबसे ज्यादा कम आय वाले देशों पर पड़ रही है। भारत इससे सर्वाधिक ज्यादा प्रभावित हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन के खतरों से होने वाली मौतें देश में उच्च आय वाले देशों की तुलना में सात गुना ज्यादा हैं। जबकि घायल होने और विस्थापित होने वाले लोगों की संख्या छह गुनी ज्यादा है। लांसटे की रिपोर्ट के अनुसार 2000 से 2017 के दौरान 15.70 करोड़ अतिरिक्त लोगों को अत्यधिक गर्मी के कारण जोखिम उठाना पड़ा।
इसी रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2012 से 2016 के बीच में गर्मी से प्रभावित होने वालों की संख्या में करीब चार करोड़ की बढ़ोतरी हुई जो करीब 200 फीसदी ज्यादा है। हाल में आई विभिन्न रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक वैश्विक तापमान में एक डिग्री की बढ़ोतरी होगी, जबकि 2040 तक यह बढ़ोतरी 1.5 डिग्री और 2065 तक दो डिग्री तक हो सकती है। यदि उत्सर्जन में कुछ उपाय से इसमें कुछ कमी आने की संभावना है।