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UP Vidhan Sabha Chunav 2022 चुनाव आयोग द्वारा रैलियों पर तात्कालिक रोक लगाए जाने के बाद पार्टी ने इंटरनेट मीडिया पर फोकस करना शुरू कर दिया है। संबंधित टीमों को रातों रात बुलाना शुरू कर दिया है। पार्टियां छोटी सभाएं करने पर फोकर कर रही हैं
UP Vidhan Sabha Chunav 2022: आचार संहिता लगते ही राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। - प्रतीकात्मक तस्वीर
देवरिया,। विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही राजनीतिक दलों की बेचैनी बढ़ गई है। भले ही मौसम ठंडा है, लेकिन सियासी पारा गरम होने लगा है। जिले की सात विधानसभा क्षेत्रों में से छह पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। एक पर समाजवादी पार्टी काबिज है। चुनाव की तिथि घोषित होते ही भारतीय जनता पार्टी ने अपनी रणनीति पर अमल तेज कर दिया है।
चुनाव आयोग द्वारा रैलियों पर तात्कालिक रोक लगाए जाने के बाद पार्टी ने इंटरनेट मीडिया पर फोकस करना शुरू कर दिया है। संबंधित टीमों को रातों रात बुलाना शुरू कर दिया है। हालांकि पार्टी हाल के दिनों में जन विश्वास यात्रा एवं किसान सम्मेलन तथा अन्य विकास कार्यों के लोकार्पण व शिलान्यास के जरिए अपने शीर्ष नेताओं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के अलावा अन्य नेताओं का दौरा व जनसभा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कराने में सफल रही है
भाजपा ने इस सीटों पर किया है फोकस
भारतीय जनता पार्टी का देवरिया सदर, रामपुर कारखाना, पथरदेवा, सलेमपुर, रुद्रपुर एवं बरहज विधानसभा क्षेत्र पर कब्जा है। पार्टी का फोकस इन क्षेत्रों के अलावा भाटपार रानी विधानसभा क्षेत्र पर भी है। वजह कि इस विधानसभा क्षेत्र में पार्टी का अब तक खाता नहीं खुला है। करीब एक माह पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसभा के दौरान विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास
दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने भी चुनावी बिगुल बजने से पहले ही अपनी तैयारी तेज कर दी थी। चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद रणनीति पर और तेजी से काम हो रहा है। इससे पहले पार्टी ने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में छोटे-छोटे सम्मेलन कर चुनावी माहौल बनाने की कोशिश की थी। कुछ माह पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल का दौरा भी हुआ था। इस पर सपा का कब्जा है। इस सीट को बरकरार रखने पर पार्टी का जोर
छोटी-छोटी बैठकों पर जोर
बहुजन समाज पार्टी ने भी चुनावी रणनीति के तहत कुछ दिन पहले से ही छोटी-छोटी बैठकें व सम्मेलन कर अपनी कोशिश तेज कर दी है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भी तैयारी काफी दिनों पहले ही तेज कर दी थी। राष्ट्रीय स्तर के बड़े नेताओं का भले ही दौरा नहीं हुआ, लेकिन गांव- गांव संगठन के विस्तार के क्रम में अपना काम शुरू कर दिया था।
जिले में पार्टी का 2012 के चुनाव में रुद्रपुर विधानसभा सीट पर कई दशक बाद खाता खुला था, लेकिन 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कब्जा जमा लिया। कांग्रेस पार्टी का फोकस रुद्रपुर विधानसभा सीट पर अधिक है। अन्य सीटों पर भी चुनावी रणनीति के तहत संगठन को तेज करने का काम जारी है। इसके अलावा छोटे दलों ने भी सभी सीटों पर जोर आजमाइश के लिए अपनी तैयारी तेज कर दी है।