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RGAन्यूज़
खांसी-जुकाम इसके लक्षणों में शामिल है। इसलिए पहले से अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। यह कहना है एम्स के ईएनटी विभाग में वरिष्ठ डाक्टर आलोक ठक्कर का। ठक्कर का कहना है कि अगर टीके की दोनों डोज नहीं लगवाई है तो जरूर लगवा लें।
कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन बहुत ज्यादा संक्रामक है
नई दिल्ली,। सर्दी-जुकाम और खांसी होने पर घर में भी मास्क लगाकर रखें और परिवार के सदस्यों से दूरी बनाएं, जिससे आपसे किसी को कोई संक्रमण न फैल सके। कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन बहुत ज्यादा संक्रामक है। खांसी-जुकाम इसके लक्षणों में शामिल है। इसलिए पहले से अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। यह कहना है एम्स के ईएनटी विभाग में वरिष्ठ डाक्टर आलोक ठक्कर का। ठक्कर का कहना है कि अगर टीके की दोनों डोज नहीं लगवाई है तो जरूर लगवा लें। सर्दी-जुकाम के साथ ही बुखार और गले में खराश जैसी परेशानी हो तो खुद को आइसोलेट करके कोरोना जांच कराएं।
संक्रमित पाए जाने पर तनाव न लें। गर्म पानी और बुखार आने पर पैरासिटामाल लें। पानी में विक्स डालकर दिन में तीन-चार बार भाप लें। संक्रमण को हल्के में न लें। पौष्टिक भोजन के साथ ही पूरी नींद लें। कम से कम छह से आठ घंटे की नींद जरूर लें। अगर सांस लेने में दिक्कत हो तो डाक्टर की सलाह से अस्पताल जाएं। हालांकि, जिन लोगों ने कोरोना टीके की दोनों डोज लगवा रखी हैं, उनको अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत बहुत कम ही पड़
कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर की तरह तीसरी लहर में छोटे बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं। इनमें परिवार के वयस्कों से ही संक्रमण फैल रहा है। हालांकि, इन बच्चों में भी संक्रमण के हल्के ही लक्षण आ रहे हैं और ये आसानी से पांच से सात दिन में ठीक भी हो रहे हैं। जिन बच्चों को पहले से कोई बीमारी है तो उन्हें ठीक होने में थोड़ा समय लग रहा है।
लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डा. सुरेश कुमार ने बताया कि दिल्ली में तेजी से मामले बढ़ने के बाद उनके यहां अभी तक चार-पांच बच्चे ही भर्ती हुए हैं। इनमें भी संक्रमण के हल्के ही लक्षण थे। मधुकर रेनबो अस्पताल में भी फिलहाल 10 बच्चे भर्ती हैं। इनमें से कुछ को पहले से बीमारी है। अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. चंद्रशेखर सिंघा के मुताबिक उनके यहां चार से पांच केस आ रहे हैं। बच्चों के स्वजन को फोन पर ही सलाह दी जा रही है। चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में भी तीन से चार कोरोना संक्रमित बच्चे आ रहे हैं। इनमें कुछ को भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है, जो कुछ दिन में ही ठीक भी हो रहे हैं।