यूपी चुनाव 2022 : गोरखपुर में सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ बोले, भ्रष्टाचार जिनके जीन का हिस्सा हो वह नहीं लड़ सकते सामाजिक लड़ाई

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RGAन्यूज़

UP Vidhan Sabha Chunav 2022 गोरखपुर के चार द‍िवसीय दौरे पर आए सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी नजर में गरीबों के हक को हड़पना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है और इसी को वह सामाजिक न्याय कहते हैं।

UP Election 2022: उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यना

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समावादी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि गरीबों व दलितों का हक छीनने वाले सामाजिक न्याय की परिभाषा न बताएं। उनकी नजर में गरीबों के हक को हड़पना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है और इसी को वह सामाजिक न्याय कहते हैं। यह सामाजिक न्याय नहीं, बल्कि सामाजिक शोषण हैं। हमें फर्क महसूस करना होगा। लोगों को सामाजिक न्याय और सामाजिक शोषण में। सपा का बिना नाम लिए हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भ्रष्टाचार जिसके जीन का हिस्सा हो, वह सामाजिक न्याय की लड़ाई नहीं लड़

मीड‍िया से रूबरू हुए मुख्‍यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे मानबेला के पीरूशहीद मोहल्ले में पार्टी कार्यकर्ता और दलित अमृत लाल भारती के घर पर आयोजित भाजपा के सामाजिक सहभोज कार्यक्रम में शामिल होने के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा का सामाजिक सहभोज कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में पिछले सात वर्षों से चल रहा है। शुक्रवार को भी प्रदेश के 23 हजार शक्तिबूथ केंद्राें पर यह कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। यह कार्यक्रम बड़े पैमाने पर होना था, लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए सिर्फ पांच-पांच लोग प्रत्येक जगहों पर शामिल रहे हैं। पीरू शहीद मोहल्ले के अमृत लाल भारती ने अपने घर आयोजित इस कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित किया था तो इसमें वह शामिल 

सपा पर साधा न‍िशाना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत लाल के घर खिचड़ी खाने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक न्याय यही है कि बिना भेदभाव के समाज के प्रत्येक तबके को शासन की प्रत्येक योजना का लाभ मिले। उनके साथ सामाजिक व आर्थिक भेदभाव न हो और समाजवादी पार्टी की ही सरकार से यदि तुलना कर लें तो उन्होंने अपने पांच वर्षों के कार्यकाल में सिर्फ 18 हजार आवास स्वीकृत किये थे। इसमें से एक भी किसी गरीब को मकान नहीं मिला। आज किसी भी दलित बस्ती में जाकर देखा जा सकता है वहां बन रहे अथवा बने हुए पक्के मकान प्रधानमंत्री आवास योजना अथवा मुख्यमंत्री आवास योजना से बने मिलेंगे।

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