पुलिस के जवानों पर कोरोना संक्रमण का खतरा, तैनाती में नहीं हो रहा कोरोना गाइडलाइन का पालन

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RGAन्यूज़

Corona guidelines not followed by Police जिला प्रशासन और जेल प्रशासन स्वस्थ पुलिस के जवानों को कोरोना संक्रमित बना रहे हैं। अभियुक्तों को अस्थायी जेल के बजाय कोरोना रोगियों के इलाज के लिए बनाए गए एल टू अस्पताल में रखा जा रहा

आरोपितों को अस्थायी जेल के बजाय एल टू अस्पताल में किया जा रहा भर्ती

मुरादाबाद, : जिला प्रशासन और जेल प्रशासन स्वस्थ पुलिस के जवानों को कोरोना संक्रमित बना रहे हैं। अभियुक्तों को अस्थायी जेल के बजाय कोरोना रोगियों के इलाज के लिए बनाए गए एल टू अस्पताल में रखा जा रहा है और अभियुक्तों की निगरानी के लिए वार्ड में पुलिस कर्मियों को तैनात किए गए हैं। इस पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने आपत्ति जतायी है और अभियुक्तों को अस्थायी जेल में रखने को कहा है।

पुलिस द्वारा गिरफ्तार अभियुक्तों को जेल भेजने के लिए कोविड की गाइडलाइन जारी की है। इसके लिए अस्थायी जेल बनायी जानी है। पुलिस कर्मी न्यायालय में अभियुक्तों को पेश करने से पहले अस्पताल में एंटीजन कोरोना की जांच कराते हैं। कोरोनो संक्रमति अभियुक्तों को अस्थायी जेल के अलग सेल में रखा जाता है, जो संक्रमित नहीं होते हैं उसे अस्थायी जेल में सात दिन क्वांरटाइन किया जाता है।

कोरोना संक्रमण खत्म होने के बाद अभियुक्तों को जेल भेजने का नियम है। कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद जेल प्रशासन व जिला अस्पताल ने अस्थायी जेल नहीं बनाई है। जो अभियुक्त कोरोना संक्रमित नहीं पाए जाते हैं, उन्हें बिना क्वारंटाइन कराए ही जेल भेज दिया जा रहा है, जो कोरोना संक्रमित पाए जाते हैं, उसे कोरोना रोगियों के इलाज के लिए एल टू अस्पताल में रखा जा रहा

एल टू अस्पताल में आठ संक्रमित अभियुक्त भर्ती है, इसके अलावा चार गंभीर कोरोना संक्रमित और दो सामान्य संक्रमितों का उपचार चल रहा है। आठ अभियुक्तों की सुरक्षा के लिए 16 पुलिस कर्मी की ड्यूटी कर रहे हैं। इससे स्वस्थ पुलिस कर्मी कोरोना संक्रमित हो सकते हैं।

मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एमसी गर्ग ने बताया कि संक्रमित अभियुक्तों और उसकी सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों को एल टू अस्पताल में रखने पर विरोध जताया है। इसको लेकर जिला प्रशासन, जेल प्रशासन को पत्र लिखा है और संक्रमित अभियुक्तों को अस्थायी जेल में रखने को कहा है, गंभीर हालत वाले अभियुक्तों को एल टू अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जाएगा।

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