महासंग्राम 2019: गठबंधन की गांठें ढीली पड़ने का खतरा​

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RGA News दिल्ली

लोकसभा चुनाव से पहले ही एनडीए और यूपी में संभावित गठबंधन की गांठ ढीली पड़ने का खतरा मंडरा गया है। एनडीए के घटक दल लोकजनशक्ति पार्टी ने सीटों के बंटवारे को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। वहीं, एनडीए की सबसे पुरानी सहयोगी शिवसेना ने भी तल्ख तेवर बरकरार हैं। साथ ही अकाली दल ने कहा है कि एनडीए से जो गलती 2004 में हुई, वही दोहराई जा रही है। दूसरी ओर, बसपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्रा ने उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के बीच चुनावी गठबंधन की खबरों को खारिज किया है। उधर, कांग्रेस ने कहा कि महागठबंधन पर जनवरी-फरवरी तक फैसले का इंतजार करें।

लोजपा का अल्टीमेटम: लोजपा के बिहार अध्यक्ष व पशुपालन मंत्री पशुपति कुमार पारस ने बुधवार को भाजपा को 31 दिसंबर तक सीट बंटवारा कर लेने का अल्टीमेटम दे दिया। हालांकि चिराग पासवान ने एक दिन पहले नसीहत देने के बाद बुधवार को कहा कि घर की बात घर में ही रहनी चाहिए। हमें ज्यादा सीटें नहीं चाहिए। मंगलवार को चिराग ने ट्वीट कर कहा था कि टीडीपी और रालोसपा के एनडीए से जाने के बाद गठबंधन नाजुक मोड़ से गुजर रहा है। 

अकाली-शिवसेना के तल्ख तेवर : अकाली दल के वरिष्ठ नेता नरेश गुजराल ने ‘हिन्दुस्तान’ से विशेष बातचीत में कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए के शानदार प्रदर्शन की वजह यह थी कि चुनाव से पूर्व ज्यादा दल एनडीए से जुड़े। लेकिन अब 2004 वाली एनडीए सरकार की गलती दोहराई जा रही है। बुधवार को मुंबई में अमित शाह ने कहा कि शिवसेना उनके साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। लेकिन राज्यसभा में शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि पार्टी कैसे चुनाव लड़ेगी, यह कोई दूसरा दल तय नहीं कर सकता। शिवसेना कार्यकारिणी पूर्व में फैसला ले चुकी है कि लोकसभा चुनाव में वह अकेले उतरेगी, जिस पर वह कायम है।

भाजपा सतर्क : सहयोगी दलों के तेवर देखते हुए भाजपा भी भावी स्थिति को लेकर सतर्क हो गई है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा इस मामले पर रामविलास पासवान से बात करेगी।

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