गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने कहा, कोरोना से उबरते हुए आर्थिक तरक्की के रास्ते पर है देश

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RGAन्यूज़

राष्ट्रपति ने कहा कि कोविड की चुनौतियों के बावजूद हमारे प्रयासों का ही नतीजा है कि अर्थव्यवस्था ने फिर से गति पकड़ ली है। इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रभावशाली दर से बढ़ने का अनुमान है और यह आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता को भी दर्शाता है

73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति

, नई दिल्ली। कोरोना महामारी की गंभीर चुनौतियों का सामना करते हुए भी देश के आर्थिक तरक्की के रास्ते पर तेजी से अग्रसर होने को अहम करार देते हुए राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने मंगलवार को कहा कि अपनी संकल्प शक्ति के सहारे एक नया भारत उभर रहा है। 73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने संविधान की प्रस्तावना में निहित लोकतंत्र, न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को देश के लोकतंत्र की बुनियाद बताते हुए कहा कि इन्हीं सिद्धांतों पर हमारा भव्य गणतंत्र मजबूती से खड़ा है। संविधान के इन मूल्यों में ही हमारी सामूहिक विरासत दिखाई देती है।

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में नागरिकों से कर्तव्यों का पालन करने पर जोर देते हुए कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में मानव-समुदाय को एक-दूसरे की सहायता की इतनी जरूरत कभी नहीं पड़ी थी जितनी कि आज है। उन्होंने कहा कि तमाम कठिनाइयों और संसाधनों की कमी के बावजूद यह गर्व की बात है कि हमने कोरोना वायरस के खिलाफ असाधारण दृढ़ संकल्प और कार्य क्षमता का प्रदर्शन किया है। स्वदेशी टीके विकसित कर विश्व इतिहास में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर हमने दुनिया भर में सराहना हासिल की है। हालांकि इसके बावजूद अब भी महामारी का प्रभाव व्यापक स्तर पर बना हुआ है और इससे बचाव में तनिक भी ढील नहीं देनी चाहिए

राष्ट्रपति ने कहा कि कोविड की चुनौतियों के बावजूद हमारे प्रयासों का ही नतीजा है कि अर्थव्यवस्था ने फिर से गति पकड़ ली है। इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रभावशाली दर से बढ़ने का अनुमान है और यह आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता को भी दर्शाता है। सभी आर्थिक क्षेत्रों में सुधार लाने और आवश्यकता के अनुसार सहायता प्रदान करने हेतु सरकार निरंतर सक्रिय रही है। इस प्रभावशाली आर्थिक प्रदर्शन के पीछे कृषि और उत्पादन क्षेत्रों में हो रहे बदलावों का प्रमुख योगदान

छोटे और मझोले उद्यमों की भूमिका भी अहम

राष्ट्रपति के अनुसार लोगों को रोजगार देने तथा अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने में छोटे और मझोले उद्यमों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह प्रसन्नता की बात है कि विश्व में सबसे ऊपर की 50 'इनोवेटिव इकानोमी' में भारत अपना स्थान बना चुका है।

राष्ट्र निर्माण हमेशा चलने वाला अभियान

राष्ट्रपति कोविन्द ने इस मौके पर कहा कि राष्ट्र निर्माण हमारे लिए निरंतर चलने वाला एक अभियान है और आजादी के बीते 75 वर्षों में हमने प्रभावशाली प्रगति की है। अब युवा पीढ़ी के लिए अवसरों के नए द्वार खुल रहे हैं जिसका लाभ उठाते हुए नई पीढ़ी को सफलता के नए प्रतिमान गढ़ने की जरूरत है। युवाओं की इसी ऊर्जा, आत्म-विश्वास और उद्यमशीलता के साथ देश प्रगति पथ पर आगे बढ़ते हुए विश्व समुदाय में अपना अग्रणी स्थान हासिल करेगा।

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