महामारी शुरू होने के बाद दुनिया में पहली बार एक हफ्ते में इतने मामले

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RGAन्यूज़

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमिक्रोन के यात्रा संबंधी मामले सामने आने के बाद कई देशों में इस वैरिएंट का सामुदायिक प्रसार होने लगा है। हालांकि उसने बताया कि जिन देशों में बीते वर्ष नवंबर-दिसंबर में ओमिक्रोन के मामले तेजी से 

महामारी शुरू होने के बाद दुनिया में पहली बार एक हफ्ते में इतने मामले : WHO

। दुनियाभर में गत सप्ताह कोरोना संक्रमण के 2.1 करोड़ से ज्यादा नए मामले सामने आए और महामारी की शुरुआत के बाद से साप्ताहिक स्तर पर यह सर्वाधिक आंकड़ा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यह जानकारी दी। वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने इस बात पर भी जोर दिया है कि डेल्टा स्वरूप से ज्यादा मारक क्षमता एवं प्रजनन दर होने के कारण ओमिक्रोन वैरिएंट धीरे-धीरे सार्स-सीओवी-2 वायरस का प्रमुख वैरिएंट बनता जा रहा है। डब्ल्यूएचओ की ओर से मंगलवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, बीते हफ्ते (17 से 23 जनवरी के बीच) वैश्विक स्तर पर कोरोना के नए मामलों में पांच प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित 2.1 करोड़ से ज्यादा नए मरीज आए। वहीं, संक्रमण से 50 हजार से अधिक लोगों की जान भी गई। आंकड़ों के मुताबिक, बीते हफ्ते सर्वाधिक नए मामले अमेरिका (42,15,852), फ्रांस (24,43,821), भारत (21,15,100), इटली (12,31,741 नए मामले) और ब्राजील (8,24,579 नए मामले) में दर्ज किए गए।वहीं, मौतों की बात करें तो डब्ल्यूएचओ के अनुसार, कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा जानें अमेरिका (10,795), रूस (4,792), भारत (3,343), इटली (2440) और ब्रिटेन (1888) में गईं।

 

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमिक्रोन के यात्रा संबंधी मामले सामने आने के बाद कई देशों में इस वैरिएंट का सामुदायिक प्रसार होने लगा है। हालांकि, उसने बताया कि जिन देशों में बीते वर्ष नवंबर-दिसंबर में ओमिक्रोन के मामले तेजी से बढ़े थे, वहां इनमें या तो कमी आ चुकी है या फिर कमी दिखनी शुरू हो गई है।

प्लास्टिक पर आठ दिनों तक सक्रिय रह सकता ओमिक्रोन

एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि सार्स-सीओवी-2 वायरस का ओमिक्रोन वैरिएंट त्वचा पर 21 घंटे, जबकि प्लास्टिक की सतह पर आठ दिनों तक जीवित रह सकता है। इस वैरिएंट के ज्यादा संक्रामक होने की मुख्य वजह इसके इसी गुण को माना जा रहा है। यह अध्ययन जापान स्थिति क्योटो प्रिफेक्चरल यूनिवर्सिटी आफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने किया है। उन्होंने सार्स-सीओवी-2 वायरस के वुहान में मिले वैरिएंट के अलग-अलग सतहों पर जीवित रहने की क्षमता की तुलना अन्य गं

शोधकर्ताओं ने पाया कि वायरस के अल्फा, बीटा, डेल्टा और ओमिक्रोन वैरिएंट वुहान के वैरिएंट के मुकाबले त्वचा व प्लास्टिक की परत पर दोगुने से भी ज्यादा समय तक सक्रिय रह सकते हैं। यही कारण है कि इन वैरिएंट से संक्रमण की दर चीन के वुहान में मिले मूल वैरिएंट (स्वरूप) से कहीं ज्यादा दर्ज हुई है। हालांकि, इस अध्ययन की फिलहाल समीक्षा नहीं की गई है।

शोधकर्ताओं ने बताया कि प्लास्टिक की सतहों पर वुहान स्वरूप औसतन 56 घंटे तक जीवित रह सकता है, जबकि अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और ओमिक्रोन  स्वरूप के मामले में यह अवधि क्रमश:  191.3 घंटे, 156.6 घंटे, 59.3 घंटे, 114 घंटे और 193.5 घंटे आंकी गई है। शोधकर्ताओं के अनुसार, त्वचा पर वुहान वैरिएंट 8.6 घंटे तक टिके रहने में सक्षम है। वहीं, अल्फा 19.6 घंटे, बीटा 19.1 घंटे, गामा 11 घंटे, डेल्टा 16.8 घंटे और ओमिक्रोन 21.1 घंटे तक अपना अस्तित्व बचाए रख सकता है।

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