मिशन 2019: तीन राज्यों में BJP दे सकती है नए चेहरों को मौका, यूपी में एक चुनाव प्रभारी के साथ उतरेगी पार्टी​

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RGA News दिल्ली संवाददाता 

विधानसभा चुनाव हारने के बाद मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा नए नेतृत्व को उभारने की तैयारी में है। इनकी शुरुआत इन राज्यों की विधानसभाओं में विधायक दल के नेता के चुनाव से हो सकती है। पार्टी पूर्व मुख्यमंत्रियों की जगह नए चेहरों को लाना चाहती है, ताकि भविष्य के लिए नई पीढ़ी को आगे लाया जा सके।

मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान लगातार तेरह साल व छत्तीसगढ़ में रमन सिंह 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे। ऐसे में इन राज्यों में भाजपा में दूसरी पंक्ति तो बनी, लेकिन उन्हें आगे नहीं बढ़ाया जा सका। राजस्थान में भी इसी अवधि में वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष की भूमिकाओं में रही हैं। अब पार्टी इन राज्यों में बदलाव की सोच रही है। हालांकि, तीनों ही पूर्व मुख्यमंत्रियों का मन राज्य में ही रहने का है, लेकिन पार्टी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राष्ट्रीय स्तर पर इनका उपयोग करना चाहती है।

सूत्रों के अनुसार शिवराज सिंह को पार्टी लोकसभा चुनाव में उतार सकती है, जबकि रमन सिंह को लेकर स्थिति साफ नहीं है। 

अगले माह चुने जाने हैं नेता
जनवरी में तीनों राज्यों में भाजपा को अपने विधायक दल का नेता चुनना है। जो चुना जाएगा, वही नेता प्रतिपक्ष भी बनेगा। मध्यप्रदेश में नरोत्तम म्रिश्रा का नाम भी इसके लिए चर्चा में है। छत्तीसगढ़ में पार्टी के कई बड़े नेताओं के हार जाने के कारण रमन सिंह नेता चुने जा सकते हैं। राजस्थान में फैसला वसुंधरा राजे की सहमति से होना है। सूत्रों के अनुसार वसुंधरा ने राज्य में ही रहने के संकेत दिए हैं। 

यूपी में भाजपा एक चुनाव प्रभारी के साथ उतरेगी 

भाजपा नेतृत्व लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में विशेष योजना पर काम कर रहा है। राज्य में पार्टी एक चुनाव प्रभारी और छह क्षेत्रीय प्रभारियों के साथ मैदान में उतरेगी। पार्टी ने एक दिन पहले घोषित किए गए तीन प्रभारियों के बारे में साफ किया है कि वे क्षेत्रीय प्रभारी होंगे। अभी तीन क्षेत्रीय प्रभारी तथा एक चुनाव प्रभारी और घोषित किए जाने हैं।

लोकसभा चुनावों में भाजपा के लिए सबसे कड़ा मुकाबला उत्तर प्रदेश में होने की उम्मीद है। बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से अस्सी में से सबसे ज्यादा 71 सीटें जीती थी। इस बार राज्य में सपा-बसपा का गठबंधन होने की प्रबल संभावना है। ऐसा होने पर भाजपा के लिए चुनाव बेहद कड़ा हो जाएगा। पार्टी ने सभी संभावित परिस्थितियों को देखते हुए अपनी चुनावी तैयारी को चाक-चौबंद करना शुरू कर दिया है। 

भाजपा ने उत्तर प्रदेश समेत 18 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के लिए चुनाव प्रभारी व सह प्रभारी घोषित किए थे। इनमें उत्तर प्रदेश के लिए एक प्रभारी और दो सह प्रभारी शामिल थे। एक दिन बाद पार्टी ने साफ किया कि उत्तर प्रदेश के लिए घोषित किए गए तीनों नेता गोवर्धन झड़पिया, दुष्यंत गौतम और नरोत्तम मिश्रा क्षेत्रीय प्रभारी होंगे। 
 

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