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RGA News दिल्ली
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती(Mayawati) ने कहा है कि गौवंश सरंक्षण के लिए आबकारी और टोल पर सेस लगाने के फैसले से अच्छा है किभाजपा(BJP) केंद्र स्तर पर एक राष्ट्रीय नीति बनाए। भाजपा और आरएसएस की इस प्रकार की सोच से गौवंश का संरक्षण संभव नहीं है। केंद्र सरकार को चाहिए कि एक राष्ट्रीय कानून बनाकर इसका समाधान करे।
उन्होंने कहा कि भाजपा का अहंकार अभी खत्म नहीं हुआ है। एनडीए के सहयोगी दल भाजपा के इसी रवैये से दुखी होकर एक-एक कर अलग हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा यह अहंकार शायद लोकसभा चुनाव हारने के बाद जाएगा। मायावती ने नए वर्ष पर प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए साक्षात्कार में कही गई बातों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक बयान में कहा है कि भाजपा यही मानकर चल रही है कि उसका बहुमत का अहंकार उचित व हर प्रकार से सही है। उसके द्वारा लिए गए सभी फैसलों से लोग खुश हैं और तालियां बजा रहे हैं।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में भाजपा की सरकार भले ही चली गई है तो क्या हुआ, वोट प्रतिशत के मामले में वह अपने को कांग्रेस के बराबर मान रही है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की इस प्रकार की हठीली व जनविरोधी सोच यह साबित करती है कि उसका अहंकार अभी भी कायम है और शायद लोकसभा के आम चुनाव में करारी हार के बाद ही जाएगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से धीरे-धीरे कर के सारे प्रमुख घटक दल के अलग हो जाने के बाद और जो कुछ दल साथ हैं वे भी भाजपा के संकीर्ण व अहंकारी रवैये से काफी दुखी हैं। मायावती ने गलत रवैया न बदलने वाली भाजपा के स्टैंड पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी से 'जनता' के धीरे-घीरे अलग होते जाने के कारण अब वह केवल 'भारतीय पार्टी' ही बनकर रह गई है। आने वाले चुनाव में यह और भी पूरी तरह से साबित हो जाएगा।