टीम इंडिया ने टी-20 वर्ल्ड कप 2022 में कई गलतियां की हैं, जिन्होंने वर्ल्ड कप के सपने को तोड़ा है. केएल राहुल और रोहित शर्मा की खराब फॉर्म, युजवेंद्र चहल को बार-बार इग्नोर करना जैसी कई चीज़ें हैं, जो अब भारी पड़ती दिख रही हैं.
RGAन्यूज़ दिल्ली समाचार
वर्ल्ड कप में सुपर फ्लॉप रहे केएल राहुल
2. युजवेंद्र चहल को इग्नोर करना
साल 2016 में टी-20 डेब्यू करने वाले युजवेंद्र चहल इस फॉर्मेट में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे बॉलर हैं. लेकिन कमाल की बात ये है कि इसके बावजूद वह टी-20 वर्ल्ड कप 2021, टी-20 वर्ल्ड कप 2022 में एक भी मैच नहीं खेल पाए. 2021 के वर्ल्ड कप में चहल का चयन नहीं हुआ था और इस बार चयन हुआ तो प्लेइंग-11 में मौका नहीं मिला. यहां टीम मैनेजमेंट की गलती इसलिए भी दिखती है क्योंकि अन्य टीमों के लेग स्पिनर लगातार सफलताएं हासिल कर रहे थे जबकि टीम इंडिया सिर्फ रविचंद्रन अश्विन पर भरोसा जमा रही थी.
3. रोहित शर्मा की खराब फॉर्म
लगातार बात होती है कि भारतीय क्रिकेट को नाम से आगे काम पर फोकस करना होगा, यानी जिन खिलाड़ियों के नाम बड़े हैं जरूरी नहीं कि उन्हें ही टीम में मौका मिले. इस बार खुद कप्तान रोहित शर्मा के साथ भी यही हाल हुआ है, जो बल्लेबाजी से खराब फॉर्म से जूझते नज़र आए. एक तरफ उनकी खराब फॉर्म और दूसरी ओर केएल राहुल का बुरा हाल, टीम इंडिया की ओपनिंग जोड़ी ने वर्ल्ड कप का मिशन ही चौपट कर दिया. भारत के पास कई ऐसे ओपनर हैं, जिन्हें पिछले एक साल में ट्राई किया गया लेकिन वर्ल्ड कप में जो जोड़ी खेली वह फ्लॉप साबित हुई. साथ ही ऐसी जोड़ी के बावजूद टीम इंडिया वर्ल्ड कप में कोई तीसरा ओपनर लेकर ही नहीं गई थी.
टी-20 वर्ल्ड कप 2022 में रोहित शर्मा: 4, 53, 15, 2, 15, 27
4. रन बनाने वाले बल्लेबाज हो रहे इग्नोर
सिर्फ वर्ल्ड कप खेलने वाले 15 नहीं बल्कि जिन खिलाड़ियों को नहीं खिलाया गया वहां भी टीम मैनेजमेंट से भूल हुई है. रोहित शर्मा और शिखर धवन की जोड़ी व्हाइट बॉल फॉर्मेट में धमाल मचा रही थी, लेकिन शिखर धवन को अचानक टीम से बाहर क्यों कर दिया गया इसका जवाब शायद आजतक नहीं मिला. वह सिर्फ वनडे सीरीज में आते हैं, जिनमें सीनियर आराम कर रहे होते हैं और धवन के बाथ में कमान होती है. शिखर धवन के अलावा पृथ्वी शॉ जो घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बना रहे हैं, पिछले दो साल से उन्हें टीम इंडिया के चयन से इग्नोर किया जा रहा है. यही गलतियां टीम इंडिया के वर्तमान और भविष्य के मिशन में भारी पड़ रही हैं.
5. प्लेइंग-11 ना बदलने की जिद
किसी भी मैच से पहले जब पूछा जाता है कि प्लेइंग-11 क्या होगी, तब कप्तान या टीम मैनेजमेंट यही कहता है कि कंडीशन के हिसाब से इसे तय किया जाएगा. लेकिन शायद इस मंत्र को टीम इंडिया का मैनेजमेंट भूल गया था, शुरुआत से लेकर अंत तक भारतीय टीम एक ही प्लेइंग-11 को खिलाने की जिद के साथ आगे बढ़ी. दिनेश कार्तिक खराब फॉर्म के बावजूद बाहर नहीं हुए, ऋषभ पंत को अंत में जाकर मौका दिया गया जो काफी देरी से हुआ. लेग स्पिनर्स की सफलताओं के बावजूद युजवेंद्र चहल बाहर बैठे रहे. ये साफ बताता है कि टीम मैनेजमेंट विरोधी या मैदान देखकर नहीं बल्कि अपनी तय प्लेइंग-11 ही खिलाने में लगा रहा था.