![Praveen Upadhayay's picture Praveen Upadhayay's picture](https://bareilly.rganews.com/sites/bareilly.rganews.com/files/styles/thumbnail/public/pictures/picture-4-1546617863.jpg?itok=SmNXTJXo)
RGA न्यूज़ दिल्ली संवाददाता
आम आदमी पार्टी के 50 से अधिक विधायकों ने लोकायुक्त के समक्ष अपने संपत्ति का ब्योरा जमा करने से इनकार कर दिया। ‘आप’ विधायकों ने अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा है कि संपत्ति का ब्योरा मांगना लोकायुक्त के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने लोकायुक्त को पत्र लिखकर संपत्ति का ब्योरा जमा करने के लिए जारी नोटिस को वापस लेने का आग्रह किया है।
लोकायुक्त जस्टिस रेवा खेत्रपाल ने विधानसभा अध्यक्ष के पत्र को रिकॉर्ड पर ले लिया और कहा कि इस पर अगली सुनवाई पर विचार किया जाएगा। इससे पहले, उन्होंने जवाब दाखिल नहीं करने वाले विधायकों को तीन सप्ताह के भीतर अपना-अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। लोकायुक्त ने सुनवाई के दौरान कहा कि एक मंत्री सहित ‘आप’ के 51 विधायकों ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है और सभी के जवाब कमोबेश एक समान है। इस दौरान ‘आप’ विधायक वंदना कुमारी, महेंद्र यादव, एनडी शर्मा, मदन लाल, एसके बग्गा व अन्य विधायक निजी रूप से पेश होकर अपना जवाब दाखिल किया।
विधानसभा अध्यक्ष ने लोकायुक्त को भेजे पत्र में कहा है कि दिसंबर, 2018 में केंद्र सरकार ने इस बारे में नई दिशा-निर्देश जारी किया है। साथ ही कहा है कि, इसके तहत सरकार को जनप्रतिनिधियों व उनके आश्रितों के संपत्तियों और देनादारियों का ब्यौरा जमा करने के लिए एक प्रारूप जारी करना है। विधानसभा अध्यक्ष गोयल ने लोकायुक्त से कहा है कि संपत्ति व देनदारियों का ब्योरा जमा करने के लिए अभी प्रारूप जारी नहीं हुआ है, ऐसे में वह (लोकायुक्त) विधायकों को भेजे गए नोटिस को वापस ले लेना चाहिए। गोयल ने कहा है कि संपत्ति का ब्योरा मांगना फिलहाल लोकायुक्त के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
विधायकों ने भी कहा है कि चूंकि सरकार ने अभी संपत्ति व देनदारियों का ब्योरा जमा करने के लिए प्रारूप जारी नहीं किया है, ऐसे में अभी इस बारे में कोई कानून नहीं है। साथ ही कहा है कि कानून के अभाव में लोकायुक्त विधायकों से संपत्ति का ब्योरा नहीं मांग सकते। विधायकों ने कहा है कि जब सरकार प्रारूप जारी कर देगी तो वे अपना संपत्ति का ब्योरा जमा करा देंगे।
भाजपा विधायकों को पक्षकार क्यों नहीं बनाया
लोकायुक्त ने मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता व पेशे से अधिवक्ता विवेक गर्ग से पूछा कि उन्होंने याचिका में भाजपा विधायकों को पक्षकार क्यों नहीं बनाया था। लोकायुक्त ने गर्ग से मामले में याचिका में पक्षकारों की सूची में संशोधन करने और भाजपा विधाकयों को भी एक सप्ताह के भीतर पक्षकार बनाने का निर्देश दिया। साथ ही विधायकों के जवाब में अपना जवाबी हलफनामा देने को कहा है। गर्ग की शिकायत पर ही लोकयुक्त ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित दिल्ली के सभी 70 विधायकों को नोटिसद जारी कर पिछले तीन साल के संपत्ति व देनादारियों का ब्यौरा मांगा था। लोकायुक्त ने विधानसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को भी पक्षकार बनाने का निर्देश दिया है।
नेता प्रतिपक्ष ने जमा किया संपत्ति का ब्योरा
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता और भाजपा विधायक मंनजिंदर सिंह सिरसा ने सोमवार को लोकायुक्त के समक्ष पेश होकर अपने संपत्ति व देनादारियों का ब्यौरा जमा करा दिया। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के बागी नेता और करावल नगर से विधायक कपिल मिश्रा ने भी अपने संपत्ति व देनादारियों को ब्यौरा लोकायुक्त के समक्ष समक्ष जमा कर दिया। हालांकि भाजपा विधायक ओम प्रकाश शर्मा और जगदीश प्रधान की ओर से अधिवक्ता नीरज कुमार ने उनके लिए वक्त देने की मांग की। अधिवक्ता ने कहा कि दोनों नेता पारिवारिक व निजी कारणों से अपने-अपने संपत्ति का ब्यौरा जमा करने नहीं आ पाए। अधिवक्ता कुमार ने कहा कि उनके मुवक्किल भी अपने संपत्ति व देनादारियों का ब्यौरा जमा कराने को तैयार हैं। इसके बाद लोकायुक्त ने भाजपा विधायक शर्मा और प्रधान को तीन सप्ताह के भीतर अपना-अपना ब्यौरा जमा कराने को कहा है।
सार्वजनिक नहीं होगी संपत्ति का ब्योरा
लोकायुक्त ने कहा है कि जिन विधायकों ने अपने संपत्ति का ब्यौरा जमा कराया है, उसे फिलहाल सावर्जनिक नहीं किया जाएगा। पीठ ने विधायकों द्वारा जमा कराए गए संपत्ति को ब्यौरे को सीलबंद लिफाफे में रखने का निर्देश दिया। इसके बाद भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता और आप के विधायक कपिल मिश्रा ने कहा कि यदि उनके संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक क्या भी जाता है तो उन्हें आपत्ति नहीं होगा। लोकायुक्त ने कहा कि कानून सभी के लिए बराबर है और सभी का पक्ष जाने बगैर संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। साथ ही कहा कि, यदि कोई विधायक अपने संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक कराना चाहते हैं तो वे इसके लिए स्वतंत्र हैै।