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RGA न्यूज़ ब्यूरो चीफ
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल आज यानि शुक्रवार को मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करेंगे।
हालांकि, सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि यह वित्त वर्ष 2019-20 का पूर्ण बजट नहीं होगा। इसके बावजूद चुनावी साल होने की वजह से विभिन्न वर्ग सौगातों की उम्मीद कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की अनुपस्थिति में वित्त मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे गोयल सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद स्पीकर की आज्ञा से अपना बजट भाषण देंगेें।
सूत्रों के अनुसार, लोकसभा चुनाव से पहले पेश होने वाले अंतरिम बजट में किसानों और मध्यम वर्ग को लुभाने के लिए उन्हें कई रियायतें दी जा सकती है।
किसान देश की आबादी में 60 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखते हैं और उसके बाद मध्यम वर्ग सबसे बड़ा वर्ग है। इसलिए, माना जा रहा है कि सरकार का इन दोनों वर्गों पर जोर रहेगा।
चुनावी साल होने के कारण मोदी सरकार का खास फोकस ग्रामीण भारत पर अधिक है। वह अंतरिम बजट 2019 में ग्रामीण कल्याण पर अपने खर्च को बढ़ा सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोकस आम चुनावों में ग्रामीण भारत के वोटर्स को लुभाने पर ज्यादा है। वह गांवों के वोटर्स को लुभाने के लिए ग्रामीण कल्याण पर अपना खर्च 16 फीसदी बढ़ा सकती है।
बजट की जानकारी रखने वाले अधिकारी ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया की अंतरिम बजट में सरकार 1.13 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1.3 लाख करोड़ कर सकती है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल बजट में अंतरिम बजट में रूरल वेलफेयर के आवंटन की घोषणा कर सकती है।
बीते सालों में एग्रीकल्चर इनकम घटने, फसल की कम कीमत मिलने और लागत बढ़ने के कारण किसान पहले ही परेशान हैं। हाल के राज्यों के चुनावों के परिणामों में इसका असर भी नजर आया है। सरकार 600 अरब रुपए जॉब गारंटी प्रोग्राम के लिए आवंटित कर सकती है जो बीते साल की तुलना में 9 फीसदी अधिक होगा।