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RGA News संवाददाता दिल्ली
बाइक एम्बुलेंस का चालक किसी प्रशिक्षित चिकित्सा सहायक (पैरामेडिक्स) को बतौर चालक नियुक्त करने की मांग पर हाईकोर्ट ने सोमवार को केजरीवाल सरकार से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्रीयकृत दुर्घटना और आपात सेवाएं (कैट्स) को भी इस मामले में अपना पक्ष रखने को कहा है।
चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस वी. कामेश्वर राव की पीठ ने यह आदेश एक जनहित याचिका पर दिया है। याचिकाकर्ता अधिवक्ता सतकाशी वर्मा ने पीठ को बताया कि हाल में दिल्ली सरकार ने जो बाइक एम्बुलेंस की शुरुआत किया है उसके लिए शोध और किसी आंकड़ों का सही से विशलेषण सही से नहीं किया है। उन्होंने पीठ को बताया कि कैट्स के मौजद एम्बुलेंस मौजूदा समय की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। याचिका में कहा गया है कि बाइक एम्बुलेंस किसी आपात स्थिति में निपटने के लिए काफी सक्षम है। लेकिन जरूरत है इसके लिए प्रशिक्षित स्टाफ की नियुक्ति की। मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होगी।
आपको बता दें कि बीते 7 फरवरी को को एफआरबी स्कीम के माध्यम से दिल्ली सरकार ने अपने पायलट प्रोजेक्ट को ईस्ट दिल्ली में शुरू किया। सरकार की योजना यह है कि जहां पर एंबुलेंस की गाड़ी नहीं पहुंच पा रही, वहां पर बाइक एंबुलेंस भेज कर मरीज को अस्पताल तक पहुंचाया जाए।