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RGA News दिल्ली
पाकिस्तान के सरहद में घुसकर आतंकी ठिकानों को नष्ट किया है उससे उसकी ताकत का लोहा पूरी दुनिया ने माना है। मिराज 2000 की टोली ने पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी ठिकानों को नष्ट किया है। ...
नई दिल्ली :-पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारतीय वायु सेना ने जिस तरह से पाकिस्तान के सरहद में घुसकर आतंकी ठिकानों को नष्ट किया है उससे उसकी ताकत का लोहा पूरी दुनिया ने माना है। मिराज 2000 की टोली ने पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी ठिकानों को नष्ट किया है। आइए जानते हैं मिराज 2000 की क्या हैं खूबियां।
मिराज-2000 विमान की खासियत
1- भारत में वज्र के रूप में ख्याति मिराज 2000 मिका मिसाइल से लैस है। मीका मिसाइल की खासियत यह है कि यह हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। इसे हवा और जमीन दोनों से इस्तेमाल किया जा सकता है। सिर्फ दो सेकेंड के अंतराल में फायर किए जाने वाले इस मिसाइल का कोई जोड़ नहीं है। यह विमान लेजर गाइडेड बम भी गिराने की क्षमता रखता है। इसे 1982 में विकसित किया गया था। अपग्रेड होने वाले 51 मिराज विमानों के बेड़े के लिए है। इनमें से दो विमान पहले ही अपग्रेड के लिए फ्रांस भेजे जा चुके हैं।
2- डसॉल्ट मिराज 2000 लड़ाकू विमान 29 जून, 1985 में भारतीय वायुसेना की नंबर-7 स्क्वाड्रन में औपचारिक रूप से शामिल किया गया था। करगिल युद्ध में दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाला मिराज लड़ाकू विमान अब और ज्यादा ताकतवर और घातक बन चुका है। 1999 में करगिल युद्ध के दौरान मिराज 2000 ने अहम भूमिका निभाते हुए दुश्मन की रीढ़ तोड़ दी थी। मिराज द्वारा दागे गए लेजर गाइडेड बम ने दुश्मन के अहम बंकरों को ध्वस्त कर दिया था। वायुसेना के पास फिलहाल मिराज 2000 के दो बेड़े हैं।
3- अपग्रेड मिराज 2000 विमान फ्रांसीसी मीका मिसाइलों से लैस हैं। इस मिसाइल की खासियत यह है कि इससे हवा से हवा और जमीन से हवा में हर दो सेंकेंड में दुश्मन पर वज्रपात किया जा सकता है। मिराज 2336 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। यह प्रति मिनट 125 राउंड गोलियां दाग सकता है। इसके साथ यह 68 मिमी के 18 रॉकेट प्रति मिनट दाग सकता है। इस विमान का वजन 7500 किलोग्राम है। गोला बारूद के साथ यह 13800 किलोग्राम के साथ उड़ान भर सकता है।
4- बेशक मिराज को फ्रांस की कंपनी डसाल्ट ने निर्मित किया हो, लेकिन भारत की कंपनी हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इन विमानों को अपग्रेड किया है। खास बात यह है कि एचएएल ने तय समय के अंदर यह काम किया है। एफओसी के बाद मिराज में वायुसेना के जरुरतों के मुताबिक हथियार प्रणाली, सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम लगाया गया है।