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अक्सर लोग टैक्स सेविंग करने के लिए जल्दबाजी में गलत कदम उठा लेते हैं...
नई दिल्ली:-आज के समय का युवा पैसों से जुड़ी चीजों को खुद ही सुलझाने की कोशिश करता है। फिर वो चाहे बात टैक्स सेविंग की हो या बैंकिंग की। बैंक बाजार के एस्पिरेशन इंडेक्स के आंकड़ों से पता चला है कि भारत के 25 साल और 35 साल के बीच के 91 फीसद युवा खुद अपना वित्त प्रबंधन कर लेते हैं। धन कमाने से लेकर कर्ज तक सब कुछ वे खुद करते हैं और ये सब जागरुकता की वजह से हो रहा है। टैक्स सेविंग धन प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। टैक्स सीजन समाप्त होने में बस कुछ ही दिन बाकि हैं, यहां हम उन गलतियों की बात कर रहे हैं जो लोग अक्सर टैक्स प्लानिंग के दौरान करते हैं।
धारा 80-ई के तहत दावा न करना: धारा 80-ई के तहत शिक्षा ऋण पर ब्याज भुगतान में कटौती की जा सकती है। अगर आप इस कर्ज के भुगतान में देरी कर रहे हैं तो आप न केवल अपने ब्याज के बोझ को बढ़ा रहे हैं बल्कि आयकर से राहत भी देरी कर रहे हैं। समय पर भुगतान से बकाया राशि कम होगी और क्रेडिट स्कोर में भी सुधार होगा।
सिर्फ एक टैक्स-सेविंग उत्पाद में निवेश करना:अलग-अलग टैक्स-सेविंग निवेश में जोखिम और कार्यकाल अलग-अलग हैं। एक उपकरण में बहुत अधिक निवेश से असंतुलन हो सकता है। बाजार से जुड़े उत्पादों से जुड़े जोखिम से बचने के लिए अलग-अलग उत्पादों में निवेश करना चाहिए। उदाहरण के लिए अगर पूरे फंड को पीपीएफ में निवेश किया जाता है तो यह ROI को लगभग 8 फीसद तक सीमित कर देगा जबकि ईएलएसएस में अधिक निवेश जोखिम को बढ़ा सकता है। इसलिए टैक्स सेविंग निवेश को अलग-अलग जगह करना चाहिए।
कर बचत योजनाओं में निवेश करने के लिए लिक्विड फंड्स को खाली करना: अक्सर लोग टैक्स सेविंग करने के लिए जल्दबाजी में गलत कदम उठा लेते हैं। टैक्स में बचत करने के लिए लोग अक्सर अपने लिक्विड फंड्स को खाली कर देते हैं जबकि ये ठीक नहीं है। आपात वित्तीय स्थितियों में लिक्विड फंड बहुत काम आते हैं। अगर आपके पास अलग से धन है तो आप ऐसा कर सकते हैं।
टैक्स-सेविंग के लिए आखिरी मिनट तक इंतजार करना: टैक्स प्लानिंग पूरे साल तक चलने वाली प्रक्रिया है और अगर आप आखिरी मिनट तक इंतजार करेंगे तो इससे जल्दबाजी में गलत निर्णय लेने की संभावना बढ़ सकती है। अधिकतर कर बचत निवेश लंबी अवधि के होते हैं इसलिए इस स्थिति में गुमराह होना या एजेंटों के चक्कर में फंसने की जरूरत नहीं है।
कर बचत को देखते हुए निवेश करना: टैक्स सेविंग को कभी भी निवेश के फायदों से बढ़कर न देखने से नुकसान होता है। इसलिए अपनी आवश्यकताओं के आधार पर अपने जोखिम लक्ष्यों और कार्यकाल का आकलन करें और फिर निवेश उत्पाद को चुनें और उसमें एक अतिरिक्त लाभ के रूप में कर बचत का विकल्प का चयन करें