सामान्य से कम रहेगा मानसून, सूखे की संभावना से इनकार नहीं - स्काईमेट

Praveen Upadhayay's picture

Rga news

भारत में सालाना होने वाली बारिश में मानसून की हिस्सेदारी 70 फीसद से अधिक होती है।...

नई दिल्ली:-मौसम का अनुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट ने मानसून के सामान्य से नीचे रहने का अनुमान लगाया है। स्काईमेट के मुताबिक जून से सितंबर के बीच मानसून सामान्य से नीचे रह सकता है।

स्काईमेट के मैनेजिंग डायरेक्टर जतिन सिंह ने कहा, 'प्रशांत महासागर औसत से ज्यादा गर्म है। मार्च से मई के दौरान अल नीनो की संभावना 80 फीसद है, जो जून से अगस्त के बीच घटकर 60 फीसद हो सकता है।'

उन्होंने कहा, 'इसका मतलब यह हुआ कि इस साल अल नीनो का असर रहेगा और मानसून के सामान्य से नीचे रहने की संभावना है।'

फरवरी में स्काईमेट ने अपने अनुमान में इस साल के लिए मानसून के सामान्य रहने की संभावना जताई थी। एजेंसी ने  लंबी अवधि के औसत (एलपीए) के मुकाबले मानसून के 93 फीसद रहने का अनुमान है।   

स्काईमेट ने कहा, '2019 में मानसून एलपीए का 93 फीसद (+-5%) रहेगा, जो जून से सितंबर के बीच सामान्य से कम बारिश होगी। हमें लगता है कि सूखा पड़ने की संभावना 15 फीसद है, जबकि अत्यधिक बारिश की कोई संभावना नहीं है। एलपीए के 96 फीसद से 104 फीसद के बीच की स्थिति सामान्य मानसून की होती है।' 

करीब दो लाख करोड़ डॉलर से अधिक की भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि केंद्रित है, जो पूरी तरह से मानसून पर निर्भर है। भारत में सालाना होने वाली बारिश में मानसून की हिस्सेदारी 70 फीसद से अधिक होती है।

जून से शुरुआत होने वाले मानसून सीजन के दौरान 50 सालों के औसत 89 सेंटीमीटर से अधिक बारिश होने को सामान्य कहा जाता है, जो 96 फीसद से 104 फीसद के बीच होता है।

भारत, एशिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है और इसमें कृषि क्षेत्र की निर्भरता चार महीनों के दौरान होने वाली मानसूनी बारिश पर होती है।

News Category: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.