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आरबीआई के पूर्व गवर्नर विमल जालान की अध्यक्षता में केंद्र सरकार ने इस कमेटी का गठन किया था...
नई दिल्ली:-आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) के कैपिटल रिजर्व की समीक्षा के लिए गठित समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी।
आरबीआई के पूर्व गवर्नर विमल जालान की अध्यक्षता में केंद्र सरकार ने इस कमेटी का गठन किया था, जिसे यह बताना था कि देश के केंद्रीय बैंक के पास कितनी रिजर्व पूंजी होनी चाहिए और उसे सरकार को कितना लाभांश देना चाहिए।
बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश को इस समिति का वाइस चेयरमैन बनाया गया था, जबकि पूर्व वित्तीय सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एन एस विश्वनाथन और बैंक के सेंट्रल बोर्ड के दो सदस्य भारत दोषी और सुधीर मांकड को इस समिति में बतौर सदस्य शामिल किया गया था।
दास ने मीडिया को बताया, 'मेरी जालान के साथ बातचीत हुई है और मुझे लगता है कि उन्हें अपनी रिपोर्ट को खत्म करने में कुछ दिन और लगेंगे। बातचीत अंतिम चरण में है।' समिति को पहली बैठक के 90 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपनी थी। इस समिति की पहली बैठक 8 जनवरी को हुई थी।
गौरतलब है कि आरबीआई के पास मौजूद 9.6 लाख करोड़ रुपये की सरप्लस पूंजी को लेकर सरकार और पूर्व गवर्नर ऊर्जित पटेल के बीच विवाद हुआ था। देश के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने आरबीआई के पास अपेक्षाकृत कम पूंजी की जरूरत पर बल देते हुए 1.7 से 3 लाख करोड़ रुपये की रकम सरकार को देने की बात कही थी।
इसी मसले पर मतभेद को लेकर पूर्व गवर्नर ऊर्जित पटेल को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था, जिसके बाद पूर्व नौकरशाह शक्तिकांत दास को गर्वनर बनाया गया था।