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नई दिल्ली:- ओडिशा में भीषण तबाही मचाने के बाद देर रात चक्रवाती तूफान फानी ने पश्चिम बंगाल में प्रवेश किया। मौसम विभाग के मुताबिक, फानी तूफान पश्चिम बंगाल के खड़गपुर इलाके को पार कर उत्तर-पूर्व दिशा में 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ा। इस दौरान कई पेड़ उखड़ गए। इसके बाद कोलकाता समेत कई इलाकों में बारी बारिश के कारण जलभराव हो गया। अब इस रुख बांग्लादेश की ओर हो गया है। फानी के चलते पश्चिम बंगाल तटीय राज्यों में में रेड अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की सलाह दी गई है। यहां एनडीआरएफ की 6 टीम तैनात है। लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हावड़ा-चेन्नै मार्ग पर करीब 220 ट्रेन रद कर दी गई हैं।
इससे पहले शुक्रवार सुबह से ही पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में भी बारिश हुई है। राज्य की राजधानी के कई हिस्सों में जलजमाव हो गया है। फानी के पश्चिम बंगाल से टकराने के बाद पूरे पूर्वोत्तर में भारी बारिश की आशंका जताई गई। इसको देखते हुए असम सरकार ने सभी जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया। मध्य जल आयोग ने चार और पांच मई को पश्चिमी और मध्य असम के जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई। राज्य आपदा राहत बल को पूरे राज्य में 40 जगहों पर तैनात किया गया।
इससे पहले बंगाल की खाड़ी में उठे समुद्री तूफान फानी ने शुक्रवार को पुरी सहित ओडिशा के अन्य जिलों में जमकर तबाही मचाई। इस दौरान तीन अलग-अलग घटनाओं में आठ की मौत हो गई। पुरी में जहां 245 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चली, वहीं अन्य हिस्सों में 175 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश हुई। समुद्र में उठती ऊंची-ऊंची लहरों से लोग दहशत में रहे। तेज हवा से हजारों पेड़, झोपड़ियां और घर के छप्पर उजड़ गए। कई जगहों पर भूस्खलन हुआ। बिजली व्यवस्था और संचार व्यवस्था चरमरा गई है।
कोलकाता-चेन्नई रूट पर 220 से अधिक ट्रेनें शनिवार से रद हैं। भुवनेश्वर हवाई अड्डे से शुक्रवार को सभी उड़ानें रद रहीं। फानी से प्रभावित राज्यों को निपटने के लिए केंद्र सरकार ने 1000 करोड़ रुपये जारी किए है। इसकी घोषणा शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने की। इससे पहले 11 लाख लोगों को प्रभावित इलाकों से पहले ही हटा लिया गया था, जिससे नुकसान काफी कम हुआ। 10,000 गांवों और 52 शहरी क्षेत्रों को खाली करा लिया गया था।