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सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें आतंकियों अलगगावादियों मनी लॉन्ड्रिंग काला धन रखने वालों को सभी मामलों में अलग-अलग सजा होनी चाहिए। ...
नई दिल्ली:-सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को आतंकियों, अलगगावादियों, मनी लॉन्ड्रिंग, काला धन रखने वालों और स्रोत से ज्यादा आय रखने वालों को लेकर अहम सुनवाई होने वाली है। दरअसल, उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मांग की गई थी कि इन सभी मामलों में सजाएं साथ-साथ चलने से अपराधी जल्दी छूट जाते हैं। यदि उन्हें सभी मामलों के लिए सजाएं अलग-अलग सुनाई जाएंगी तो उन्हें ज्यादा से ज्यादा समय तक जेल में रखा जा सकता है।
जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आतंकवाद, भ्रष्टाचार अलगाववाद जैसे विशेष अपराधों में विभिन्न धाराओं में दी गई सजा को एक साथ न चला कर अलग-अलग चलाने की मांग पर केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
दरअसल, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई औप दीपक गुप्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने भाजपा नेता और वकील अश्वनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई के बाद ये नोटिस जारी किया था। उपाध्याय ने अपनी याचिका पर स्वंय बहस करते हुए कहा था कि देश की आधी समस्याओं का मूल कारण भ्रष्टाचार है। देश में अलगाववाद, नक्सलवाद या गैरकानूनी घुसपैठ की समस्या हो या सड़क टूटने या पुल गिरने की समस्या हो इस सबका मूल कारण भ्रष्टाचार ही है।कोर्ट में उपाध्याय ने याचिका में मांग की थी कि कोर्ट आदेश दे कि सीआरपीसी की धारा 31 के उपबंध भ्रष्टाचार, आतंकवाद और अलगाववाद से संबंधित विशेष कानूनों में लागू नहीं होंगे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की तारीख 10 मई तय की थी।