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धूल कण बढ़ने से हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है। दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता इस हद तक खराब हो गई है कि लोगों को सांस लेने में भी परेशानी होने लगी है।..
नई दिल्ली:-मौसम के उतार चढ़ाव के बीच धूल भरी आंधी ने दिल्ली के साथ एनसीआर के शहरों नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम, ग्रेटर नोएडा, सोनीपत, रेवाड़ी, बल्लभगढ़ आदि शहरों की सेहत भी बिगाड़ दी है। धूल कण बढ़ने से हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है। दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता इस हद तक खराब हो गई है कि लोगों को सांस लेने में भी परेशानी होने लगी है। मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉक्टर केजे रमेश ने बताया कि यह एक प्रकार की एंटी साइक्लोनिक विंड है, जिसके कारण वातावरण में धूल के कण दो किलोमीटर की ऊंचाई तक बने रहते हैं।
वहीं, सफर (System of Air Quality and Weather Forecasting and Research) के मुताबिक, अभी अगले तीन-चार दिनों तक हवा में धूल की यह मात्रा बनी रहने की संभावना है। इसके चलते दिल्लीवासियों को प्रदूषित हवा में ही सांस लेने को मजबूर होना पड़ेगा।
राजस्थान की मुसीबत दिल्ली-एनसीआर को पड़ रही भारी, दक्षिण भारत में भी दिखेगा असर
विशेषज्ञों के मुताबिक, राजस्थान में इन दिनों धूल भरी आंधी का दौर शुरू हो गया है। इसी का असर दिल्ली तक देखने को मिल रहा है। मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉक्टर केजे रमेश ने बताया कि यह एक प्रकार की एंटी साइक्लोनिक विंड है, जो राजस्थान से हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर होते हुए पश्चिमी और दक्षिणी उत्तर प्रदेश की तरफ जा रही है। इस हवा को डस्ट रेजिंग विंड भी कहा जाता है। इसके कारण वातावरण में धूल के कण दो किलोमीटर की ऊंचाई तक बने रहते हैं। इसकी वजह से दिल्ली, यूपी, हरियाणा, राजस्थान समेत कई राज्यों के करोड़ों लोग प्रभावित हैं। दिल्ली के साथ इससे सटे शहरों में धूल के कण सुबह से शाम तक जमे रहते हैं, जिससे दमे के साथ सांस के रोगियों को खासी दिक्कत पेश आ रही है।
सांस संबंधी रोगों का खतरा
यहां पर बता दें कि धूल के कणों से लोगों को क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस, एलर्जिक सायनुसाइटिस व एलर्जिक राइनाइटिस जैसे रोग हो सकते हैं जो काफी दर्दकारक और गंभीर रूप से घातक साबित हो सकते हैं। दमे के रोगी के लिए धूल काफी नुकसानदेह हो सकती है। धूल और धुएं के कणों से अनेक प्रकार के कार्बनिक तत्व व धातुएं लैड आदि होने के कारण ये ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। इसके चलते कई बार गंभीर बिमारियां और फ्लू भी हो जाते हैं। धूल और धुआ मिलकर तो श्वास की नली में काफी संक्रमण फैला सकते हैं ।
धूल के कणों से रहें सावधान
सड़कों के किनारे पड़ी धूल के कण नाक के रास्ते श्वास नली और सायनस में प्रवेश कर जाती है, जो कि काफी तकलीफदेह हो जाती है। सायनस में सूजन आने के कारण नाक से पानी आने लगता है और नाक बंद होने लगती है सांस लेने में तकलीफ होती है। ऐसे में यदि कोई विषाणु हमला कर दे तब रोगी और भी बुरी हालत में पहुंच जाता है ।
धूल के हमले से कैसे बचें
मास्क का उपायोग करें एन 52 या आम मास्क हो तो उसे पहनें।
वाहन चलाते समय सदा हेलमेट लगाकर रखें और उसका ग्लास बंद रखें।
नियमित व्यायाम करें,स्वच्छ व खुली हवा में सुबह टहलें ।
श्वास रोगी के लिए प्राणायाम खासकर अनुलोम विलोम करना उत्तम है, इसलिए नियमित रूप से प्रणायाम करें।
घर या दुकान के आस-पास बड़ी संख्या में वाहन निकलते हों तो धूल को दबाने के लिए नियमित रूप से पानी का छिड़काव करें।
इधर सोमवार की रात करीब साढ़े नौ बजे दिल्ली-एनसीआर के कई क्षेत्रों में तेज बारिश हुई। इससे लोगों को गर्मी से तात्कालिक राहत तो मिल गई, लेकिन मौसम के तेवर देखते हुए गर्मी लोगों को मंगलवार को भी परेशान कर सकती है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एयर बुलेटिन के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 322 दर्ज किया गया। इस स्तर की हवा को बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है। दूसरी तरफ दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में प्रदूषक तत्व पीएम-10 की मात्रा भी प्रति घन मीटर तीन सौ से ज्यादा पहुंच गई है।
उधर सोमवार को फिर दिल्ली में गर्मी बढ़ी। सुबह ही धूप खिल गई और दिन चढ़ने के साथ साथ धूप ही नहीं, गर्मी भी बढ़ती गई। हालांकि कुछ हिस्सों में बादलों और सूरज के बीच आंखमिचौली भी चली। शाम के समय तेज हवाओं के साथ रिज क्षेत्र, कमला मार्केट, कनॉट प्लेस, बाराखंबा रोड और रोहिणी इत्यादि इलाकों में हल्की बूंदाबांदी भी हुई। वहीं रात साढ़े नौ बजे दिल्ली और एनसीआर के कई क्षेत्रों में तेज बारिश हुई। हवा की गति 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक रही। सोमवार का अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जो सामान्य से एक डिग्री ज्यादा है। न्यूनतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जो इस मौसम का सामान्य तापमान है।
मिल रहा है मच्छरों का लार्वा
राजधानी दिल्ली में इस बार मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप लोगों की परेशानी बढ़ा सकता है। दिल्ली के घरों में लगातार मच्छरों के पनपने का लार्वा मिल रहा है। निगम की ओर से जारी रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि हुई है। निगम के मुताबिक पिछले एक सप्ताह में 1886 स्थानों पर लार्वा मिल चुका है। निगम के अनुसार एक जनवरी से 11 मई तक 8546 घरों में मच्छरों के पनपने का लार्वा मिल चुका है। इसमें सर्वाधिक मामले उत्तरी दिल्ली नगर निगम से सामने आए हैं। बीते सप्ताह 1886 में यहां 767, दक्षिणी निगम में 711 और पूर्वी निगम में 408 स्थानों पर लार्वा मिला है। इससे मच्छर जनित बीमारियां बढ़ रही हैं। इस साल एक जनवरी से 11 मई तक राजधानी में डेंगू के 45 मरीज सामने आ चुके हैं। इसमें से नौ मरीज दिल्ली के तो 28 मरीज दूसरे राज्यों के हैं। आठ मरीजों के पते की पुष्टि नहीं हो पाई है। पिछले सप्ताह एक नया मामला सामने आया है, जिसकी पहचान नहीं है।