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नई दिल्ली:- Lok Sabha Election 2019 Result: कांग्रेस जिस न्याय कार्ड के बल पर केंद्र में वापसी का दम भरती दिख रही थी, वह आम चुनाव के नतीजों के रुझानों में पूरी तरह से गायब होती दिख रही है। संप्रग को रुझानों में अब तक सिर्फ 87 सीटों पर ही बढ़त मिलती दिख रही है। इस बीच जो सबसे ज्यादा चौंकाने वाली खबर है, वह छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान से है।
वहां कुछ महीने पहले कांग्रेस की जिस किसान कर्जमाफी के दम पर सत्ता में वापस हुई थी, उसका जादू भी पूरी तरह छट गया है। शुरुआती रुझानों में कांग्रेस इन सभी राज्यों में 2014 जैसी स्थिति में पहुंचती दिख रही है। खासबात यह है कि कांग्रेस को इन तीनों ही राज्यों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी।
कांग्रेस के इस खराब प्रदर्शन के पीछे जो बड़ी वजह मानी जा रही है, वह जनता के बीच 'न्याय' का भरोसा न जगा पाना है। जनता के साथ वह इसे जोड़ भी नही पाई थी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी अपनी सभाओं में 'न्याय' की बजाय ज्यादातर समय राफेल और पीएम मोदी पर सीधा हमला करते देखे गए।
ऐसा ही कुछ हश्र छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी रहा। यहां कांग्रेस किसान कर्जमाफी के दम पर सत्ता में तो काबिज हो गई, लेकिन बाद में वह इसे ठीक तरीके से लागू करा पाने में चूक गई। इसका लाभ कम लोगों को ही मिल पाया। इसके चलते तीनों ही राज्यों में जनता के बीच सरकार के खिलाफ असंतोष की स्थिति पैदा हुई।
दूसरी ओर, मोदी सरकार ने किसानों की मदद के लिए पीएम किसान योजना की घोषणा की और महीने भर के भीतर उसकी पहली किस्त किसानों के खाते में सीधे पहुंचा भी दी। इसका असर किसानों पर पड़ा और उनका भाजपा के साथ जुड़ाव और मजबूत हुआ। स्थिति चुनाव परिणामों से साफ होती दिख रही है।
भाजपा जहां 2014 की स्थिति में पहुंचती दिख रही है, वहीं कांग्रेस पुरानी स्थिति के आसपास ही सिमटती नजर आ रही है। इसका अंदाजा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के रुझानों से लगाया जा सकता है, जहां कांग्रेस 2014 की स्थिति में पहुंचती दिख रही है। यह स्थिति तब है, जब छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की थी। बावजूद इसके आम चुनाव के रुझानों में कांग्रेस 2014 की तरह सिर्फ एक सीट पर बढ़त दर्ज करती हुई दिख रही है।
ऐसी ही कुछ स्थिति मध्य प्रदेश में भी है, जहां कांग्रेस तीन सीटों के मुकाबले सिर्फ एक सीट पर अब तक के रुझानों में बढ़त दर्ज करती हुई नजर आ रही है। राजस्थान के भी नतीजे 2014 को दोहराते दिख रहे हैं, जहां भाजपा 24 सीटों के आसपास बढ़त बनाई हुई है